बिलासपुर

हिंदुस्तानी सेवा समाज द्वारा इस बार भी नॉर्थ-ईस्ट इंस्टीट्यूट मैदान में किया जा रहा है पैंसठ फीट ऊंचे रावण का दहन

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हिंदुस्तानी सेवा समाज द्वारा इस बार भी नॉर्थ-ईस्ट इंस्टीट्यूट मैदान में किया जा रहा है पैंसठ फीट ऊंचे रावण का दहन
आगामी 15 अक्टूबर से रामलीला मंचन

बिलासपुर/सुरेश सिंह बैस – असत्य पर सत्य, अहंकार पर विनम्रता और बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व विजयदशमी पर इस वर्ष भी नगर के नॉर्थ ईस्ट इंस्टिट्यूट मैदान में हिंदुस्तानी सेवा समाज द्वारा भव्य रावण दहन उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम की तैयारियां आरंभ कर दी गई है।

नगर में विगत बहत्तर वर्षों से यह आयोजन निरंतर किया जा रहा है। हालांकि कोरोना के दौर में एक दो वर्ष ऐसे भी बीते हैं, जब यह आयोजन नहीं हुआ। कोरोना का प्रभाव अब लगभग समाप्त हो जाने से इस तिहत्तरवें वर्ष में हिंदुस्तानी सेवा समाज भव्य रूप से रामलीला और दशहरा उत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विजयदशमी पर्व के पहले ही 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक तोरवा थाने के बगल में रामलीला का मंचन किया जाएगा। अकलतरी के आदर्श रामलीला मंडली के कलाकार भगवान राम के जीवन चरित्र से जुड़े प्रसंग का प्रदर्शन करेंगे। इसकी प्रतीक्षा नगर वासियो को पूरे वर्ष भर रहती है । इधर 24 अक्टूबर शाम 6:00 बजे रेलवे नॉर्थ ईस्ट इंस्टिट्यूट मैदान में रावण का दहन किया जाएगा। कलाकार ज्ञानेश्वर कामले पैंसठ फीट ऊंचे रावण का निर्माण कर रहे हैं। रावण और आतिशबाजी में करीब सवा लाख रुपए खर्च आने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस वर्ष रावण दहन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि नगर विधायक शैलेश पांडे शामिल होंगे | इनके अलावा सांसद अरुण साव, रेलवे के जीएम और डीआरएम और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी सम्मिलित होंगे।
हिंदुस्तानी सेवा समाज के अध्यक्ष एच एस भदौरिया ने बताया कि हर वर्ष की तरह रावण दहन और आतिशबाजी देखने के लिए पूरे शहर से हजारों की संख्या में लोग जुटते हैं। नगर में ऐसे तो कई रावण दहन उत्सव होते हैं ,लेकिन सबसे अधिक भीड़ बुधवारी बाजार के पास हिंदुस्तानी सेवा समाज के आयोजन में ही जुटती है । जिसे लेकर हर वर्ष की तरह इस बार भी इस आयोजन को भव्य और यादगार बनाने के लिए हिंदुस्तानी सेवा समाज के पदाधिकारी और सदस्य अभी से जुट गए हैं। इसके लिए दशहरा उत्सव समिति और रामलीला समिति का भी गठन किया गया है।, इसके अध्यक्ष यू एस पांडे और राजवीर सिंह
बनाए गए हैं।

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