प्रांतीय वॉच

कांग्रेस के कुशासन पर बनेगी भाजपा की सरकार : महेश गागड़ा

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स्थानीय भर्ती में बस्तर के युवकों की उपेक्षा
रायपुर :  भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक एवं मंत्री महेश गागड़ा का कहना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है दावा किया कि कांग्रेस के कुशासन पर सरकार बनेगी उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का वन मैन शो खत्म किया जा रहा है उनके लोकप्रियता में भी काफी कमी आई है भूपेश पर भरोसा की जगह अब कांग्रेस पर भरोसा लिखा जा रहा है और यही हमारा हथियार बनेगा और सत्ता में वापसी होगी पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने बताया कि बस्तर में आउटसोर्सिंग से नियुक्तियां की जा रही है इसके चलते बस्तर के पढ़े-लिखे युवकों की उपेक्षा हो रही है उनका कहना था कि शिक्षा स्वास्थ्य सभी क्षेत्रों में खुलेआम भ्रष्टाचार चल रहा है आरक्षण की अनदेखी हो रही है उनका कहना था कि नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग और बीजापुर जिले में नक्सली वारदात में कमी नहीं आई है बल्कि पुलिसिंग में लगातार कमी की जा रही है मुठभेड़ कम हो रही है भाजपा कार्यकर्ताओं की टारगेट किलिंग की जा रही है उन्होंने बताया कि नक्सली बार-बार परचे में वादा खिलाफी की आरोप लगाते हैं कांग्रेस सरकार को क्या स्पष्ट करना चाहिए कि नक्सली परचे में बार-बार वादा खिलाफी का आरोप क्यों लग रहे हैं आखिरकार कौन सा ऐसा गोपनीय समझौता हुआ था जो नक्सली आरोप लगाते हैं पूर्व विधायक का कहना था कि वर्तमान की सरकार ने डीएमएफ फंड की राशि में भी काफी गड़बडिय़ां की है जहां पर डीएमएफ फंड अधिक है वहां पर चहेते अधिकारियों की पोस्टिंग लेनदेन कर की जा रही है और अधिकारी इस फंड की राशि को पॉकेट मॅनी समझते हैं यही वजह है कि डीएमएफ फंड की राशि से विकास का महत्व खत्म हो गया है भाजपा के पूर्व विधायक ने आरोप लगाया की शिक्षा स्वास्थ्य क्षेत्र में पहले जिला पंचायत की सहमति वह सुझाव पर नियुक्तियां होती थी परंतु अभी की स्थिति में मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक मिलकर नियुक्तियों को तय कर देते हैं।
छत्तीसगढ़ वॉच की विशेष बातचीत में भाजपा के पूर्व विधायक व वनमंत्री महेश गागड़ा ने कहा की वन नेशन वन चुनाव होना चाहिए इससे चुनाव में होने वाले फिजूल खर्ची रुक जाएगी और राशि से विकास के कार्य को सुनिश्चित किया जा सकता है चुनाव में सुरक्षा बलों के लिए या कहें सुरक्षा कार्य में काफी धन खर्च होता है। इसीलिए चुनाव खर्चीला बना हुआ है वन नेशन वन चुनाव से फायदा होगा की फिजूल की खर्ची रुक जाएगी।
उनका कहना था कि उनके नेतृत्व में निकाली गई जन अधिकार यात्रा काफी सफल रही काफी अच्छा रिस्पांस मिला वही बताया कि अब तक स्थानीय विधायक और सरकार ने मिलकर तीन अरब के विकास कार्य बीजापुर में खर्च किए जाने की जानकारी सूचना के अधिकार में मिली है जबकि विकास कहीं पर दिखलाई नहीं पड़ता है। उनका कहना था वास्तविक में विकास कार्य हुए हैं तो पलायन क्यों हो रहा है आज भी बस्तर के और बीजापुर के लोग आंध्र और तमिलनाडु पलायन कर रहे हैं
अस्पताल बने रेफर केंद्र
भाजपा के पूर्व मंत्री का कहना था कि बीजापुर में बने चिकित्सालय केवल रेफर केंद्र बनकर रह गए हैं उपचार की सुविधाओं में काफी कमी आई है चिकित्सक नहीं है इलाज लोगों का नहीं हो पा रहा है स्वास्थ्य सुविधाओं से लोग वंचित होकर रह गए हैं
बस्तर मेंं विकास की अभूतपूर्व संभावनाएं
श्री गागड़ा का कहना था कि बस्तर में अभूतपुर विकास की संभावनाएं हैं इसलिए नगरनार स्टील प्लांट की स्थापना से संभावनाएं बड़ी है परंतु शर्त यही है कि बस्तर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया जाए और स्थानीय युवकों को उन औद्योगिक संस्थानों में रोजगार मिले इससे बस्तर के नागरिकों का विकास होगा और स्थानीय विकास में भी मदद मिल पाएगी
हरा सोने की खरीदी में कमी आई
उनका कहना था कि भाजपा की सरकार के दौरान 40 लाख मानक बोरा बोरा तेंदूपत्ता की खरीदी सरकार करती रही है लेकिन वर्तमान की सरकार ने 26 लाख हरा सोने की खरीदी दिखाई है इसके मायनेहो सकते हैं हरा सोने की तस्करी चल रही है वजह है कि हरा सोना की फसल लेने वाले किसानों को मजदूरी नहीं मिल पाई है बोनस नहीं मिल रहा है क्योंकि तेंदूपत्ता संग्राहक और ठेकेदारों ने डिपाजिट नहीं किया है कांग्रेस की सरकार ने फुटपाथ बनाने का ऐलान किया था तो आज तक नहीं बन पाया है ऐसे घोषणाओं का क्या फायदा?
फॉरेस्ट प्रोड्यूस के लिए अलग से सेल बने
महेश गागड़ा का कहना था कि फॉरेस्ट प्रोड्यूस के लिए अलग से सील बनना चाहिए तभी वनांचल क्षेत्र को बचाया जा सकता है उनका कहना था कि वन उत्पाद इमली को काफी कम दाम पर बिक्री जाती है इससे उत्पादकों को लाभ नहीं मिल पाता जो कि सर्वथा गलत है
ट्रेडिशनल मेडिसिन को मान्यता मिले
भाजपा पूर्व विधायक का कहना था कि बस्तर वन औषधीय से भरा पड़ा है इसलिए ट्रेडीशनल मेडिसिन को मान्यता मिलनी चाहिए क्योंकि आज भी बस्तर के अधिकांश आदिवासी ट्रेडीशनल मेडिसिन से उपचार प्राप्त कर लेते हैं उनका कहना था कि उनकी सरकार ने बढ़ावा दिया था लेकिन सरकार बदली और यह पूरा फार्मूला ठंडा बस्ती में में चला गया

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