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पत्र-रणनीति को मुख्यमंत्री टूल किट के तौर पर जब-तब इस्तेमाल करते रहते हैं : भाजपा

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पत्र-रणनीति को मुख्यमंत्री टूल किट के तौर पर जब-तब इस्तेमाल करते रहते हैं : भाजपा

*भाजपा सांसद सोनी ने मंत्री द्वय सिंहदेव व अग्रवाल के पत्रों का हवाला देकर सवाल किया : क्या मुख्यमंत्री बघेल ने आज तक उसका कोई जवाब दिया?*

*रायपुर।* भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुनील सोनी ने बार-बार केंद्र सरकार को पत्र लिखने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर करारा कटाक्ष करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री बघेल को जब भी उनकी कमियाँ दिखाई जाती हैं तो अपनी कमियों को ढँकने के लिए वह सीधे एक चिठ्ठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिख देते हैं। श्री सोनी ने कहा कि इस पत्र-रणनीति को मुख्यमंत्री अपने एक टूल किट के तौर पर जब-तब इस्तेमाल करते रहते हैं।

भाजपा सांसद श्री सोनी ने कहा कि अपने पूरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री शुरू से अभी तक यही चिठ्ठीबाजी करते रहे हैं। जब कहीं पैसा नहीं दे पा रहे होते हैं तो केंद्र सरकार से 6 हजार करोड़ रुपए की मांग कर देते हैं और लोगों को भ्रमित कर देते हैं कि राज्य सरकार को उसका पैसा केंद्र सरकार नहीं दे रही है। चिठ्ठी लिखने से दिक्कत नहीं है, चिठ्ठी लिखना मुख्यमंत्री का अधिकार है; लेकिन लगातार चिठ्ठी लिखने के बजाय अपनी कमियों को दूर करने का प्रयास भी मुख्यमंत्री को करना चाहिए। श्री सोनी ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री बघेल को चिठ्ठी लिखकर, और वह भी कोई भाजपा का नेता या केंद्र सरकार का मंत्री नहीं, बल्कि आपकी ही सरकार के मंत्री आपका ध्यान मुद्दों पर आकर्षित करते हैं तब मुख्यमंत्री बघेल उस पर कितना गौर करते हैं? श्री सोनी ने प्रदेश सरकार के ही मंत्री टी.एस. सिंहदेव और जयसिंह अग्रवाल द्वारा लिखी गई चिठ्ठियों का जिक्र कर पूछा कि सिंहदेव ने प्रधानमंत्री आवास के संबंध में साढ़े आठ लाख परिवारों आवास नहीं मिलने के संबंध में जो चिठ्ठी लिखी थी, क्या मुख्यमंत्री बघेल ने आज तक उसका कोई जवाब दिया? मंत्री अग्रवाल ने एक कलेक्टर की कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था, जो अब ईडी की कार्रवाई में स्पष्ट हो चुका है, उस पत्र का भी मुख्यमंत्री बघेल ने कोई जवाब नहीं दिया।

भाजपा सांसद श्री सोनी ने कहा कि चिठ्ठी लिखने का अधिकार लोकतंत्र में केवल मुख्यमंत्री बघेल को ही नहीं है, सबको पत्र लिखकर प्रश्न करने और शासन की कमियों को सामने लाने का अधिकार है। इसलिए मुख्यमंत्री बघेल को भी जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों के पत्र का जवाब देना चाहिए। श्री सोनी ने कहा कि चिठ्ठी लिखने से पहले मुख्यमंत्री को पहले अपनी तरफ भी देखने की आवश्यकता है।

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