मातृभाषा छत्तीसगढ़ी शामिल हुआ पाठ्यक्रम में राज्य आंदोलनकारियों की महंती मांग पूरी मुख्यमंत्री को साधुवाद,छत्तीसगढ़ी भाषा को मान्यता दिलाने राज्य आंदोलनकारी बहुत उपहास का होते थे शिकार पर अपनी मातृभाषा संस्कृति बचाने के लिए करते रहे संघर्ष आज मिला परिणाम -दुबे
रायपुर 15 अगस्त 2023।राज्य आंदोलनकारी छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष श्री अनिल दुबे,दाऊ जी. पी.चंद्राकर,दीनदयाल वर्मा,जागेश्वर प्रसाद,लालाराम वर्मा,चेतन देवांगन, गिरधारी सिंह ठाकुर,बृजबिहारी साहू,गोवर्धन वर्मा, महेंद्र कौशिक, छन्नूलाल साहू,श्रीधर चंद्राकर, गणपति पटेल,अशोक कश्यप, भुवनलाल पटेल,रूपसिंग निषाद, वेगेन्द्र सोनवेर,परसराम ध्रुव,चूड़ामणि पटेल,अलखराम साहू,टेनसिंह पटेल, श्रीमती मुनुबाई पटेल ने कहा है कि राज्य आंदोलनकरियों ने अपने 1965 के घोषणा पत्र में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के साथ छत्तीसगढ़ी भाषा को राजभाषा का दर्जा,स्थानीय लोगों को शत प्रतिशत रोजगार, कृषि को उद्योग का दर्जा, घोषित समर्थन मूल्य का किसानों के लिए बाजार,गांव-गांव लघु और कुटीर उद्योग को लेकर शुरू किया था संग्राम।आज राज्य निर्माण के पश्चात शैन-शैन समस्त मांगें पूरी हो रही है।यह है राज्य निर्माण का परिणाम और स्थानीय छत्तीसगढ़ियों की सरकार का योगदान।छत्तीसगढ़ में भ्र्ष्टाचार समाप्त हो जायेगा तो भारत का सबसे विकसित प्रदेश छत्तीसगढ़ होगा।स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मातृभाषा छत्तीसगढ़ी शामिल हुआ पाठ्यक्रम में राज्य आंदोलनकारियों की महंती मांग पूरी मुख्यमंत्री को साधुवाद,छत्तीसगढ़ी भाषा को मान्यता दिलाने राज्य आंदोलनकारी बहुत उपहास का होते थे शिकार पर अपनी मातृभाषा संस्कृति बचाने के लिए करते रहे संघर्ष आज मिला परिणाम। राजभाषा का पाठ्यक्रम में शामिल होना छत्तीसगढ़ के लिए खुशी और समृद्धि की बात है।जय छत्तीसगढ़।