उद्यानिकी फसल उत्पादन कर रहे किसानों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने बीमा योजना चालू की
— सुरेश सिंह बैस
बिलासपुर । उद्यानिकी फसल उत्पादन कर रहे किसानों के लिए बीमा योजना सरकार ने चालू किया है। इसके तहत उद्यानिकी फसल उत्पादन कर रहे किसानों के लिए टमाटर, बैगन, अमरूद, केला, पपीता, मिर्च एवं अदरक के लिये खरीफ वर्ष 2023 अंतर्गत पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से भारतीय कृषि बीमा कंपनी के द्वारा संचालित की जा रही है। उप संचालक उद्यानिकी से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के इच्छुक ऋणी एवं अऋणी कृषक 16 अगस्त 2023 तक निकटतम राष्ट्रीय बैंक शाखा, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, जिला सहकारी बैंक, प्राथमिक सहकारी समितियों, लोक सेवा केन्द्र, भारत सरकार की बीमा पोर्टल अथवा डाक विभाग के माध्यम से फसल बीमा करा सकते है। योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए उद्यानिकी विभाग में कार्यरत अधिकारियों एवं बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क किया जा सकता है। इस हेतु बीमा कंपनी के प्रतिनिधि थानेश्वर साहू मो0न0 99071-22727, बिल्हा में उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी अशोक कुमार परस्ते 94796-19829, तखतपुर में उद्यान विकास अधिकारी जेनेन्द्र कुमार पैंकरा 62659-81957, कोटा में वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी साधूराम नाग 91654- 90297 एवं मस्तूरी में प्रभारी उद्यान अधीक्षक आरके जगत 8085280923 से संपर्क कर अधिक जानकारी ली जा सकती है।
चयनित उद्यानिकी फसलों खरीफ के लिए किसानों द्वारा द्वेय प्रीमियम दर बीमित राशि का 5 प्रतिशत है। बिलासपुर जिले में खरीफ मौसम के फसलों हेतु 150 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित है। अधिसूचित फसल टमाटर के लिए प्रति एकड़ बीमित राशि 1 लाख 20 हजार रुपए एवं कृषक अंश राशि 6 हजार, बैगन के लिए बीमित राशि 77 हजार रुपए एवं कृषक अंश राशि 3 हजार 850 रुपए, अमरुद के लिए बीमित राशि 45 हजार रुपए एवं कृषक अंश राशि 2 हजार 250, , केला के लिए बीमित राशि 1 लाख 65 हजार रुपए एवं कृषक अंश राशि 8 हजार 250 रुपए, पपीता के लिए बीमित राशि 1 लाख 25 हजार रुपए एवं कृषक राशि 6 हजार 250, मिर्च के लिए बीमित राशि 90 हजार रुपए एवं कृषक अंश राशि 4 हजार 500 रुपए और अदरक के लिए बीमित राशि 1 लाख 50 हजार रुपए एवं कृषक अंश राशि 7 हजार 500 रुपए निर्धारित है।
किसानों के हानि का मूल्यांकन अधिसूचित क्षेत्र में स्थापित स्वचलित मौसम केंद्र से प्राप्त 4 आवरित जोखिमों जैसे कम या अधिक तापमान, कम या अधिक या बेमौसम वर्षा, वायुगति, कीट एवं व्याधि प्रकोप के अनुकूल मौसम के प्रमाणित आंकड़ों एवं अधिसूचित टर्मशीट के अनुसार दावा गणना की जाएगी। दावा राशि का भुगतान सीधे किसानों के खाते में किया जाएगा। किसानों को फसल क्षति की संबंधित सूचना बीमा कंपनी को देने की आवश्यकता नहीं है। स्थानीय आपदाएं अंतर्गत ओला वृष्टि एवं चक्रवाती हवाओं से फसलों में नुकसान होने पर 72 घंटों के भीतर बीमित फसलों के ब्यौरे, क्षति की मात्रा, क्षति का कारण, फोटो इत्यादि के साथ किसान सूचित करें।
क्या क्या लगेंगे जरूरी दस्तावेज
नवीनतम आधारकार्ड की कॉपी, नवीनतम भूमि प्रमाण पत्र, बी 1, पी 2 की कॉपी, बैंक पासबुक के पहले पन्ने की कॉपी जिस पर एकाउंट नंबर, आईएफसी कोड, बैंक का पता साफ दिखाई दे रहा हो। फसल बुआई प्रमाण पत्र अथवा प्रस्तावित फसल बोने के आशय का स्वघोषणा पत्र, किसान का वैध मोबाईल नंबर, बटाईदार, कास्तकार, साझेदार किसानों के लिए फसल साझा अथवा कास्तकार का घोषणा पत्र।