छात्र राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में कदम कड़े संघर्ष की कहानी
राम प्रसाद दुबे – ( दैनिक छत्तीसगढ़ वॉच ) रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजनीति में छात्र राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में पहुंचने वाले प्रदेश स्तर के कई नेता रहे हैं इसमें काफी नाम चर्चा में है और सांसद से लेकर विधायक तक की ऊंची छलांग लगाई है शासन प्रशासन में मंत्री के पद पाने वाले नेताओं में छात्र राजनीति के शख्सियत रही है या या कहा जाए कि नए नवेले छत्तीसगढ़ में 23 साल का सफर के दौरान अधिकांश राजनेता मंत्री विधायक सांसद छात्र राजनीति से निकलकर सामने आए हैं और आने वाले दिनों में और शख्सियत इन पदों को सुशोभित करने जा रही है चर्चाओं के बीच कई नाम होते हैं पर कुछ नाम ऐसे होते हैं जो अधिक चर्चाओं में रहते हैं नगर पालिक निगम रायपुर में विपक्ष के भाजपा पार्षदों में विशेष स्थान रखने वाले पार्षद मृत्युंजय दुबे एक ऐसा नाम है तो सुंदरनगर की गलियों से निकलकर रायपुर की हल चौक चौराहे की चर्चा में रहता है इस नाम ने छात्र राजनीति में इस तरह का मुकाम बनाया कि आज भी कॉलेज में एडमिशन देने वाले नए छात्र छात्राएं इस महत्वपूर्ण छात्र नेता को याद करते हैं गुरु भैया के नाम से छात्र नेता की पहचान बनाने वाले मृत्युंजय दुबे को अब भारतीय जनता पार्टी की मुख्यधारा का नेता देखा जा रहा है अब बहुत संभव है कि आने वाले दिनों में यह नाम उन तथ्यों में लिखा दिखाई देगा जो प्रसिद्ध भवनों के मुख्य द्वार में लगा करती है तो आइए व्यक्तित्व से चर्चा करते हैं और समझते हैं कि नेतृत्व में कौन से गुण होने चाहिए जो राजनेता बनाते हैं
छत्तीसगढ़ वॉच प्रतिनिधि से एक विशेष बातचीत में नगर पालिक निगम में भाजपा पार्षद मृत्युंजय दुबे का कहना है कि राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक ऐसे वृक्ष की टहनियां की तरह हुई जो धीरे-धीरे जड़ को बनाते हुए फैलती है और मजबूती प्रदान करती है
राजनीतिक जीवन की शुरुआत
भाजपा पार्षद मृत्युंजय दुबे के राजनीतिक जीवन की शुरुआत पिता पिता आचार्य नरेंद्र दुबे के कर्मठ जीवन की छाया पड़ने के साथ शुरुआत हुई उन्होंने बताया कि उनके पिता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मीसाबंदी थे छत्तीसगढ़ राज्य आंदोलन से 1967 से सक्रिय रूप से जुड़े रहे इसलिए बाल्यकाल से पिताजी के नेतृत्व की छाया मिलती रही छत्तीसगढ़ राज्य की मांग को लेकर चल रही आंदोलन में पिता के साथ रैलियों बैठ को सभाओं में आना जाना होता रहा स्कूली जीवन में कालीबाड़ी उत्तर माध्यमिक विद्यालय से 1984 में हाई स्कूल की शिक्षा हासिल की परमपिता की आशीर्वाद बना रहा महाविद्यालय युग में प्रवेश करने के साथ ही पूजनीय बड़े भाई अनिल दुबे का स्नेह और राजनीति का भी असर दिखाई दिया 1983 84 में अनिल दुबे रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष बने मृत्युंजय को भी काफी आशीर्वाद और प्यार मिला और राजनीति में दिलचस्पी पड़ती तो इस तरह राजनीति में कदम रखने की शुरुआत हो गई और यह कहा जा सकता है की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीति होने के कारण राजनीति में आने की इच्छा रही
छात्र संघ चुनाव के लिए संघर्ष
पार्षद बताते हैं कि वर्ष 1987 में छात्र संघ चुनाव में प्रतिबंध लग गया मेरिट के आधार पर छात्र संघ के पदाधिकारी चुने जाने लगे इस दौरान ऐसा लगा कि यह ठीक नहीं है इसलिए था कि छत्तीसगढ़ महाविद्यालय में बीए ऑनर्स का विद्यार्थी होने की एक साथ तत्कालीन कुलपति पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय एमएम लाल ओरिया के समक्ष बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया और यह मांग की कि छात्र संघ चुनाव होना चाहिए बस्तर से लेकर रायपुर संभाग तक इस बड़े आंदोलन की चर्चा रही 145 महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं आंदोलन में शामिल हो गए इससे पहले इस संघर्ष के लिए छात्र संघर्ष समिति का गठन कर लिया था तो काफी सदस्य बन चुके थे जुलाई से लेकर अक्टूबर तक चले आंदोलन में अंतर छात्र संघर्ष समिति की जीत हुई और कुलपति को मांग मानना पड़ा और 1989 में छात्र संघ चुनाव की घोषणा कर दी गई पहली बार 11 दिसंबर 1989 में जीत हासिल हुई और छात्र संघ अध्यक्ष बने यहां से छात्र शक्ति का ऊर्जा मिली और लगातार संघर्ष चलता गया इस समय तक छात्र संघर्ष समिति प्रदेश की एक युवा शक्ति बन चुकी थी
एनएसयूआई एबीवीपी कोई विकल्प नहीं
1990 तक की राजनीति में एनएसयूआई और एबीवीपी संघ के नाम नहीं थे ब्राह्मण पारा मौदहापारा देशबंधु संघ के बैनर तले महाविद्यालय में चुनाव हुआ करते थे मोहल्ले की राजनीति से बैकअप मिलता चला गया और शुरुआत होती चली गई और लगातार 10 सालों तक छात्र संघर्ष समिति के संघर्ष में ऐसी पहचान दिला दी कि शायद और किसी की आवश्यकता नहीं पड़ी रायपुर से दुर्ग राजनांदगांव भिलाई और बस्तर संभाग में छात्र संघर्ष समिति का डंका बजने लगा छात्र हित के लिए मांग रखने वाली समिति होने के कारण हर छात्र की जुबान में समिति के पदाधिकारियों का नाम आता चलाते हैं और एक ऐसा माहौल बन गया कि जब भी छात्र संघ चुनाव हो तो छात्र संघर्ष समिति के पदाधिकारी जीतकर आने लगे 70% नेतृत्व की जीत होने लगी दुर्गा कॉलेज और तमाम स्थानों पर छत्तीसगढ़ महाविद्यालय के साथ-साथ प्रदेश के महाविद्यालयों में समिति का परचम रहने लगा और एक ऐसा विश्वास बन गया छात्र-छात्राओं के बीच परेशानी और समस्या का एकमात्र छात्र संघर्ष समिति है
भाजपा में प्रवेश
लगातार निर्दलीय पार्षद के रूप में पंडित सुंदरलाल शर्मा से जीत हासिल करने के बाद मृत्युंजय दुबे एक बड़ा नाम हो गया था और पंडित सुंदरलाल शर्मा वार्ड के वार्ड वासियों को उनकी कार्यशैली पसंद आने लगी उनके नेतृत्व में सुंदरलाल शर्मा वार्ड में 12 करोड़ से अधिक के विकास कार्य संपादित कराए गए।
छत्तीसगढ़ पहली सीमेंट सड़क
पार्षद मृत्युंजय दुबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ की पहली सीमेंट सड़क रायपुरा सुंदर नगर आमापारा लाखे नगर होते हुए तैयार कराई गई और इसका चेहरा मृत्युंजय दुबे ने तैयार किया 4 करोड़ 30 लाख की लागत से यह सड़क बनी नल कनेक्शन से लेकर बिजली के खंभे नालियों का डामरीकरण इन कामों ने इस नाम को चौमुखी विकास की दिशा देदी तीन बार का पार्षद चुनाव जीतने के बाद चौथी बार वर्ष 2019-20 में भारतीय जनता पार्टी की हार हो गई और पहली बार 12 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले प्रवेश प्राप्त कर भाजपा पार्षद चुनाव लड़े और जीत हासिल की
लोकप्रियता
गांव गांव शहर हर जगह काम के विश्वास के कारण विश्वास रखता चला गया कांग्रेसी ऑफर मिला परंतु कुछ नहीं बन पाया इसकी कई वजह थी परंतु शायद और किंतु परंतु की उलझन के बीच चलता रहा और लोकप्रियता बढ़ती चली गई
कांग्रेस से मिले प्रस्ताव
भाजपा पार्षद मृत्युंजय दुबे को कांग्रेस से भी कई बार प्रस्ताव मिले पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अजीत प्रमोद कुमार जोगी के राजनीतिक पृष्ठभूमि के साथ अवसर भी मिले प्रस्ताव भी आया लेकिन पिता आचार्य नरेंद्र दुबे के साथ आपातकाल के साथ हुए बर्ताव ने मन में इस तरह की पीड़ा भर दी कि कांग्रेस में जाने का कभी मां नहीं लगने लगा तमाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी समाजवादी विचारधारा और लाल सेना के लोगों को 1942 में कारावास हुई जेल जाना पड़ा और कांग्रेसी इस फैसले ने तोड़ कर रख दिया इसी वजह से कांग्रेस में प्रवेश नहीं लिया
भाजपा नीति सिद्धांत और विचार का दल
पार्षद मृत्युंजय दुबे बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ऐसा दल है जो सेवा के माध्यम से आम लोगों को जोड़ता है भारतीय संस्कृति के साथ चरित्र निर्माण की बात होती है बाल्यकाल से आर एस एस के कामों से प्रभावित रहा इस वजह से भारतीय जनता पार्टी में सदस्यता हासिल की यही एक पार्टी है जो राष्ट्रभक्ति की बात करती है देशभक्ति की बात करती है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों से प्रभाव पैदा होता है विश्वास पैदा होता है और आज पूरे देश में यही माहौल है
पार्षद मृत्युंजय दुबे का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी में हर कार्यकर्ता को अवसर मिलता है संगठन जिस किसी को नेतृत्व देगी वह उसे स्वीकार करता है जो जिम्मेदारी मिलेगी निभाएंगे
उद्देश्य
उनका फिलहाल छत्तीसगढ़ में और राजधानी रायपुर के अंदर भारतीय जनता पार्टी के चारों विधानसभा सीटों में जीत दिलाना उद्देश्य है संघर्ष करके दिलाना है नेतृत्व के साथ मिलकर दिलाना है पार्टी अगर योग्य समझेगी तो अवश्य इस जिम्मेदारी को भी निभाएंगे परंतु ऐसा लगता है बारी आने में देरी है