बिलासपुर

स्कूल शिक्षा विभाग में 3266 से अधिक रिक्त प्राचार्य पद पर पदोन्नति की माँग को लेकर “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के द्वारा जगदलपुर में बस्तर संभागीय बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई

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*”स्कूल शिक्षा विभाग में 3266 से अधिक रिक्त प्राचार्य पद पर पदोन्नति की माँग को लेकर “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के द्वारा जगदलपुर में बस्तर संभागीय बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई ..*

जगदलपुर/ “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के द्वारा प्रदेश में 11 वर्षों से रुकी हुई प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जल्द से जल्द जारी करवाने शासन से पुरजोर माँग की जा रही हैं। इस कड़ी में 23 जुलाई 2023 को पटवारी सदन, लाल बाग जगदलपुर में “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह की उपस्थिति में बस्तर संभाग की बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई।

“छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के द्वारा प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत 11 वर्षों से रुकी हुई प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जल्द से जल्द जारी करवाने शासन से पुरजोर माँग की गई हैं।
बैठक में प्राचार्य पद पर पदोन्नति से वंचित बस्तर संभाग के विभिन्न ज़िले से आए हुए नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठक माध्यमिक शाला स्नातकोत्तर प्रशिक्षित बैठक में सम्मिलित हुए। “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के द्वारा आयोजित संभागीय बैठक में “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने उपस्थित सभी व्याख्याता एवं प्रधान पाठकों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत “टी” संवर्ग में वर्ष 2013 से तथा “ई” संवर्ग में वर्ष 2016 के बाद से हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं की गईं हैं । राज्य में 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों में वर्षों से प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हैं। स्कूल शिक्षा विभाग में 11 वर्षो से प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं होने से “टी” तथा “ई” संवर्ग के सैकड़ों नियमित व्याख्याता तथा नियमित प्रधान पाठक सेवानिवृत्त हो गए हैं। प्राचार्य पद पर पदोन्नति का रास्ता देखते-देखते अनेकों व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों की मृत्यु हो गईं हैं। प्रत्येक माह लगातार अनेक वरिष्ठ व्याख्याता और प्रधान पाठक माध्यमिक शाला प्राचार्य पदोन्नति का रास्ता देखते- देखते सेवानिवृत होते जा रहे हैं। प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने प्रदेश में विगत कई वर्षों से बाधित रही प्राचार्य पदोन्नति की विभागीय प्रकिया को तेजी से पूर्ण कर 3266 से अधिक हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य के रिक्त सभी पदों पर पात्रता रखने वाले नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों से शीघ्र प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी करने की प्रबल माँग की हैं। श्री सिंह ने कहा कि, प्राचार्य पद पर पदोन्नति देने से शासन को कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आयेगा , क्योंकि पदोन्नति प्राप्त करने वाले सभी नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठक वर्तमान में प्राचार्य पद का ही वेतन और पे स्केल प्राप्त कर रहें हैं। प्रदेश के इन वरिष्ठ व्याख्याता और प्रधान पाठकों को प्राचार्य पद पर पदोन्नति मिलने से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में समुचित सुधार आयेगा, क्योंकि प्रदेश के 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में वर्षों से प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हैं , जहाँ पूर्णकालिक प्राचार्य के नहीं होने से केवल प्रभारियों के भरोसे से संचालित हो रहें इन स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने शासन से अपात्र लोगों का प्राचार्य पदोन्नति नहीं करने तथा केवल नियमानुसार पात्रता रखने वाले नियमित व्याख्याता एवं प्रधान पाठकों से प्राचार्य के 3266 से अधिक रिक्त सभी पदों पर शीघ्र प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी करने की प्रबल मांग की हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा की बस्तर संभागीय बैठक में प्रमुख रूप से – रमेश उपाध्याय, सतपाल शर्मा, जे.आर. कोसरिया,गोवर्धन पाणिग्रही, जया ईशाक , भावना दीक्षित, कविता बिजोलिया, सहदेव सिंह आदि सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए। “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” ने शासन से माँग की है कि प्राचार्य पदोन्नति की समस्त विभागीय प्रकिया को तेजी से पूर्ण कर शीघ्र प्राचार्य पद पर पदोन्नति का आदेश जारी किया जावें।

बैठक में बस्तर संभाग के दूरस्थ ज़िले से बड़ी संख्या में नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठकगण – जी.आर. मंडावी, डी. के. कश्यप, एल. आर. नेताम, अजय शर्मा, अंजुम मिर्जा, शाहिदा खान, अरुण देवांगन, विनोद सिंह भदौरिया, प्रमोद कुमार यादव, कृष्ण कुमार वर्मा, सुरेश चंद पाणिग्रही, अनिल दास, सुरेश चौहान, दामिनी कुरेटी, एन. आर.टंडन, अशोक खांडे, शिव कुमार नाग, दीपक देवांगन, बसंत लाल टेकाम, सुरेंद्र सिंह ठाकुर, महेंद्र वारे, लच्छिंधर बघेल, अरविंद कुमार त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में व्याख्याता एवं प्रधान पाठक उपस्थित थे।

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