बिलासपुर

नई शिक्षा नीति ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की नीति सभी के लिए लाभकारी – प्रो० अमीन मालिक

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नई शिक्षा नीति ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की नीति सभी के लिए लाभकारी – प्रो० अमीन मालिक

 सुरेश सिंह बैस

बिलासपुर। कश्मीर, कश्मीर के मट्टन अनंतनाग में रूसी भारतीय मैत्री संघ, दिशा मास्को (रूस) एवं गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, मट्टन, कश्मीर (भारत) के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया। संगोष्ठी का विषय ‘नई शिक्षा नीति का समाज पर प्रभाव’ रहा। कार्यक्रम का विधिवत संचालन करते हुए सुशील कुमार आजाद ने इसके लाभ व चुनौतियों के विषय में बताया, तो वहीं डॉ यशपाल शर्मा ने बताया कि शिक्षा नीति किसी भी देश के उद्देश्यों में भागीदार होती है। व युवाओं को नई दिशा प्रदान करती है। डॉ० गुंजन शुक्ला ने बताया कि शिक्षक पुरानी शिक्षा पद्धतियों को त्यागकर नवीन तकनीकों का प्रयोग करें, जिससे कि शिक्षा में परिवर्तन आ सके । साथ ही शिक्षक ध्यान रखें कि वह शिक्षा के प्रति ईमानदार रहें। इस अवसर पर डॉ० रहीम पठान ने बताया कि शिक्षा नीति ठीक रूप में क्रियान्वित होती है तो निश्चित है इसके परिणाम सुखद होंगे। डॉ० रीता जैन ने बताया कि शिक्षा की क्रांति की शुरुवात नई शिक्षा नीति से हो चुकी है। और इसके परिणाम निराशाजनक नहीं होंगे। डॉ० महेश वाघेला ने शिक्षा नीति के फायदे गिनाते हुए इस ओर ध्यान आकृष्ट किया कि जैसे-जैसे शिक्षा नीति आगे बढ़ेगी देश भी आगे बढ़ेगा। डॉ० अलका यादव ने शिक्षा नीति को बहुआयामी बताया और इससे विद्यार्थियों को होने वाले फायदे के साथ इसके परिणामों के विषय में विस्तृत व्याख्यान दिया। डॉ० अमिता एल टंडेल ने भी
शिक्षा नीति पर अपने विचार प्रस्तुत किये, नेपाल से डॉ० शैलेन्दु प्रकाश ने भी भारतीय शिक्षा नीति को बहुत ही लाभकारी बताया व जापान व रूस के विद्वानों ने भी शिक्षा नीति के परिणामों को सुखद और असरकारी बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो० अमीन मालिक ने सभी वक्ताओं के वक्तव्य की सराहना की व ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की नीति के तहत शिक्षा नीति को सम्पूर्ण कुटुंब के लिए लाभकारी माना। उन्होंने अपने यहाँ नई शिक्षा नीति लागू की है, व उनके परिणाम व चुनौतियों पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने आपसी सद्भाव व सौहार्द के साथ नई शिक्षा नीति के उद्देश्य को प्राप्त करने का साहस शिक्षकों को दिया एवं इसे राष्ट्र के लिए लाभकारी व देश के लिए जरूरी बताया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डॉ० मुक्ति शर्मा ने सभी का धन्यवाद करने के साथ ही कहा कि चुनौतियां तो आयेंगी। लेकिन शिक्षक का कर्तव्य है कि चुनौतियों का सामना करते हुए ‘नई शिक्षा नीति’ का लाभ विद्यार्थियों को किस प्रकार से प्राप्त हो, इस ओर शिक्षकों को ध्यान देना चाहिए। कार्यक्रम की संयोजिका मोनिका शर्मा ने शिक्षा नीति पर की जाने वाली वेबिनारो व सेमिनारों की आवश्यकता को बहुत ही लाभकारी बताया। कार्यक्रम सह-संयोजक सुनील चौधरी, डॉ० एन्टोनी ओलिवर, डॉ० आरती वर्मा, डॉ० प्रतिभा पांडेय, डॉ० शैलेन्द्र कुमार शर्मा, आशीष कुमार साव, सीमा राठौर आदि विद्वान उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में प्रोफेसर मलिक ने कहा कि ऐसी संगोष्ठी भविष्य में भी होती रहनी चाहिए ताकि राष्ट्रीय भाषा का विकास हो सके।

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