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विपक्ष का साझा राजनैतिक गठबंधन, देश के जनता की आवाज : कांग्रेस

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रायपुर साझा विपक्ष के 26 राजनैतिक दलों की बैठक का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि देश के प्रमुख 26 राजनैतिक दलों का एक साथ एकत्रित होना इस बात का प्रमाण है कि देश की जनता बदलाव के मूड में है तथा मोदी के कुशासन से मुक्ति चाहती है यह एकजुटता सिर्फ 26 राजनैतिक दलों की एकजुटता नहीं है यह देश की 65 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं के प्रतिनिधित्व करने वाले दलों I..N.D.I.A. की आवाज है जो 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के कुशासन के खिलाफ एकजुट हो चुकी है। आजादी के बाद पहली बार देश में एक ऐसी सरकार बनी है जो देश के संविधान और संवैधानिक मूल्यों पर प्रहार कर रही है। 2024 के पहले होने वाले 5 राज्यों के 2023 के विधानसभा के चुनावों में भी कांग्रेस विजयी होगी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार विपक्षी दलों की निर्वाचित सरकारों को कमजोर करने का षड़यंत्र करती है देश के संघीय ढांचे पर प्रहार करना भाजपा की मोदी सरकार का मूल चरित्र बन गया है। केंद्रीय एजेंसियों ईडी, सीबीआई का दुरुपयोग कर विपक्षी सरकारों को अस्थिर करना धन, बल और सत्ता बल का दुरुपयोग कर विपक्ष की सरकारों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गोवा, कर्नाटका में जो हुआ था उससे देश का लोकतंत्र कलंकित हुआ है। देश की जनता भाजपा के इस कदम से आक्रोशित है। यह साझा गठबंधन उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है।

मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था लगातार गर्त में जा रही है। देश की जीडीपी 8.2 से गिरकर 5.7 हो गयी है। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार संतुलन बिगड़ने से आयात पर निर्भरता तेजी से बढ़ रही है। देश पर कुल कर्ज का भार 3 गुना बढ़ चुका है। विगत 12 महीनों में डॉलर के मुकाबले रुपए का मूल्य 12 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुका है। मोदी राज में विगत एक माह में ही विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 26 बिलियन डॉलर कम हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 2014 की तुलना में 20 परसेंट कम होने के बावजूद डीजल और पेट्रोल 30 से 40 रुपए प्रति लीटर महंगे बेचे जा रहे हैं। थोक और खुदरा महंगाई दर आरबीआई द्वारा तय सीमा से लगातार ऊपर है लेकिन मोदी सरकार का फोकस केवल चंद पूंजीपतियों के मुनाफे पर केंद्रित है। यह गठबंधन भाजपा के उसी नीति के विरोध में है।

100 दिन में महंगाई कम करने का झांसा देकर केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने अब जनता के प्रति जवाबदेही से मुंह मोड़ लिया है। भुखमरी इंडेक्स में भारत लगातार नीचे आ जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार देश के 45 करोड़ युवा गलत आर्थिक नीतियों से हताश होकर नौकरी की तलाश ही बंद कर चुका है। मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते देश की अर्थव्यवस्था तेजी से उल्टे पांव भाग रही है। जीडीपी लगातार लक्ष्य और अनुमान से कम हो रहा है। नई नौकरी तो दूर लोगों की लगी लगाई नौकरी छीनी जा रही है बेरोजगारी ऐतिहासिक रूप से शिखर पर है, लेकिन मोदी सरकार आत्ममुग्धता से बाहर ही नहीं आ पा रही है। विपक्षी गठबंधन  I.N.D.I.A. देश की जनता को महंगाई, बेरोजगारी के भंवर से निकालने हेतु प्रतिबद्ध है।

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