बिलासपुर

महिला मंडल द्वारा शिव महापुराण का आयोजन : ‌प्रवचन में श्रद्धालुओं की भीड़

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महिला मंडल द्वारा शिव महापुराण का आयोजन : ‌प्रवचन में श्रद्धालुओं की भीड़

 
बिलासपुर/ सुरेश सिंह बैस– स्थानीय हाईकोर्ट रोड स्थित आशिर्वाद वैली श्री राम-जानकी मंदिर में शिव महापुराण की कथा का आयोजन गत दिवस से जारी है। इस आयोजन में आचार्य जी कथा में उमड़ने वाले श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं। यह कथा आयोजन अनवरत रूप से पूरे श्रावण माह चलेगा। जिसमे प्रवचनरूपी ज्ञान का रसपान भारी संख्या में पहुंचकर श्रद्धालुओं द्वारा किया जा रहा है। इस आयोजन के चलते कॉलोनी में इस समय भक्ति की बयार बह रही है और शिवमयी वातावरण बन गया है।
कथा के दौरान महाराज जी ने कहा कि आज हम देखते हैं कि विश्व के बहुत से भाग में अशांति व्याप्त है। इस अशांति के विभिन्न कारण अर्थव्यवस्था, राजनीति और धर्म की गलत व्याख्या इत्यादि हैं ।और इन सब का परिणाम है, कि हर मानव दूसरे को अपना शत्रु समझ रहा है। इसी से समाज में अशांति व्याप्त होती जा रही है। शास्त्री जी ने कहा कि सनातन धर्म के अनुसार इस संसार में बैर से बैर कभी शांत नहीं होता है। अपितु अबैर से बैर शांत होता है, शत्रुता से शत्रुता समाप्त नहीं होती और क्रोध से क्रोध समाप्त नहीं होता है। यह सब जितना ही हमारे अंदर बढ़ता जाता है। उतना ही हम अपने हाथों अपने चारों तरफ नर्क निर्मित करते चले जाते हैं। संत श्री ने कहा कि नर्क कहीं और नहीं है, शत्रुता में जीना ही नर्क है। हम जितनी बड़ी शत्रुता अपने चारों ओर बनाते हैं। हमारा नर्क उतना ही बड़ा हो जाता है। इसके विपरीत हम जितनी बड़ी मित्रता अपने चारों ओर बनाते हैं ।उतना ही बड़ा स्वर्ग हमारे आसपास निर्मित हो जाता है। दरअसल स्वर्ग और नर्क कोई भौगोलिक स्थानों का नाम नहीं है । यह मनोदशा है। मित्रता के भाव और मित्रों के बीच जीने का नाम ही स्वर्ग है। और शत्रुता का भाव रख शत्रुओं के बीच जीने का नाम ही नर्क है।


संत श्री ने अंत में समझाया कि हम खुद भी दूसरों से बैर भाव रखते हैं। हम जीवन ऐसे जीते हैं जैसे हमें यहां सदा ही रहना है। और हमसे यही भूल हो जाती है। लेकिन जो यह समझ लेता है कि एक दिन हम सब संसार में नहीं रहेंगे उसे संसार में रहने का सही ढंग आ जाता है। इस पवित्र शिव पुराण के आयोजन में श्रीमती प्रभा शर्मा, श्रीमती रानी मिश्रा, श्रीमती नंदा पांडेय, श्रीमती उषा संधू, श्रीमती भागवंती मूलचंदानी, श्रीमती लक्ष्मी पर्वत, श्रीमती उर्मिला ठाकुर श्रीमती भारती गुप्ता, श्रीमती अन्नपूर्णा सिंह, श्रीमती संगीता शर्मा, श्रीमती अपर्णा अग्रवाल, श्रीमती रेखा शर्मा, श्रीमती मंजू पांडेय, श्रीमती गायत्री नथानी श्रीमती प्रतिमा गुप्ता, श्रीमती रूपल राजपाल,श्रीमती कविता ददरिया, श्रीमती नेहा पांडेय, श्रीमती शीलू साहू एवम कॉलोनी की अन्य महिलाओं का विशेष योगदान निरंतर बना हुआ है।

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