रायपुर। राजधानी के गांधी चौक में महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय और विप्र कला एवं शिक्षण महाविद्यालय रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित, नई शिक्षा नीति पर 7 दिवसीय कार्यशाला का आज समापन हुआ।
इस समापन अवसर के मुख्य अतिथि ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा थे। वहीं, विशिष्ट अतिथि में डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला कुलपति पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ज्ञानेश शर्मा, अध्यक्ष राज्य योग आयोग अजय तिवारी, अध्यक्ष शिक्षा प्रचारक समिति सुरेश शुक्ला समाजसेवी एवं डॉ. देवाशीष मुखर्जी प्राचार्य महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय के साथ विप्र महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ. विवेक मिश्रा गुरुकुल महिला महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर संध्या गुप्ता, अग्रसेन महाविद्यालय के प्राचार्य आर राजपूत प्रमिला, गोकुलदास डागा, कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर संगीता घई सहित विद्वत जन की कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति रही।
आयोजन पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सच्चिदानंद शुक्ला ने कहा कि हमें अपने कल्चर पर गर्व होना चाहिए इसी व्यवस्था में शिक्षार्थियों को शिक्षित करें नई शिक्षा नीति में मुख्य दो बातें खास तौर पर रखी गई है, इसमें भारतीय संस्कृति और विश्व में शिक्षा की वर्तमान स्थिति के प्रमुख बिंदु है। उन्होंने कहा आज शिक्षा नीति की चर्चा चल रही है उसमें हम 15 साल पीछे हो गए, विश्व स्तर में यह शिक्षा नीति खास तौर पर यूरोपीयन देशों में 15 साल पहले लांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में क्लासरूम छोटे हो जाएंगे और हाईटेक सिस्टम में अध्ययन और अध्यापन की प्रक्रिया कराई जाएगी, इसलिए सभी शिक्षा शास्त्रियों को इस नई व्यवस्था से जुड़ना होगा। उनका कहना था कि नई शिक्षा नीति में टू वे कम्युनिकेशन की चर्चा की गई है और प्रायोगिक कक्षाएं वर्चुअल रखी जाने वाली है, इस व्यवस्था से भी शिक्षकों को समझना होगा।
कुलपति ने नई शिक्षा नीति के कार्यक्रम को तैयार करने में अपनी योगदान की चर्चा करते हुए बताया कि किस तरह से इस शिक्षा नीति में तमाम बिंदुओं को शामिल किया गया है कुलपति ने कहा की अब सभी विश्वविद्यालयों को मल्टीडिसीप्लिनरी व्यवस्था में आकर शिक्षण को तैयार करना होगा विश्वविद्यालय शोध अध्ययन पर भी आधारित शिक्षा पर व्यवस्था तैयार की जानी चाहिए।
आयोजन के मुख्य अतिथि विधायक ग्रामीण सरवन शर्मा ने कहा की आधुनिक शिक्षा पद्धति को प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है ताकि हमारे छात्र छात्राएं जितना ज्ञान अर्जित कर सके उतना अधिक सफल और अच्छा रहेगा विधायक ने विश्व स्तर पर शादी को 15 साल पीछे होने पर चिंता जाहिर की और कहा कि यह प्रयास हो कि हम आने वाले दिनों में 15 साल आगे आ सके इसलिए हम सब मिलकर अन्य राष्ट्रों के समकक्ष नई शिक्षा नीति को लाकर खड़ा करने के प्रयास के लिए एकजुट हो जाएं।
अध्यक्षता कर रहे शिक्षा प्रसार समिति के अध्यक्ष अजय तिवारी ने कहा की कार्यशाला में विद्वानों के व्याख्यान से काफी बिंदु सामने आए हैं जो भावी शिक्षकों के ज्ञान के लिए काफी महत्वपूर्ण होंगे और उनका प्रयोग शिक्षक क्लास में कर पाएंगे जबकि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ देवाशीष मुखर्जी ने कार्यशाला की उपयोगिता पर चर्चा करते हुए कहा कि 2023 24 में नई शिक्षा के बिंदुओं पर विशेषज्ञों ने काफी विस्तार से बातचीत रखी है, कार्यशाला में 8 से अधिक विशेषज्ञों ने बातचीत रखी है, जिसका निचोड़ तैयार किया जा रहा है ताकि महाविद्यालय की शिक्षा में उसको लागू किया जा सके। उन्होंने छत्तीसगढ़ के प्रोफेसरों को भी दिल्ली के प्रोफेसरों की तरह कार्य करने की आवश्यकता बताई और कहा कि प्रत्येक प्रोफ़ेसर को तैयार होना होगा इससे पहले आयोजन के अंतिम दिन आरके चोपड़ा द्वारा अंतिम व्याख्यान में भावनाओं के समाज से जिंदगी के बहुत महत्वपूर्ण पौधों को कुशलतापूर्वक समझाया गया और यह बताया गया कि किस तरह से एक व्यक्ति को अपने जीवन को उद्देश्य पूर्ण बनाना चाहिए। आयोजन में आभार प्रदर्शन डॉ प्रेम चंद्राकर व मंच संचालन डॉक्टर प्रीतम दास द्वारा किया गया साथ ही समापन में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए