इसरार खान बनाए गए,भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के मंडल अध्यक्ष।
कांग्रेस के स्थानीय वार्ड के जनप्रतिनिधियों से प्रताड़ित बलरामपुर के इसरार खान ने कुछ दिनों पहले भाजपा का दामन थामा था,जिसे भाजपा अल्प संख्यक मोर्चा का मंडल अध्यक्ष की जवाबदारी संगठन ने सौंपी है।
बलरामपुर/ आफताब आलम – बलरामपुर जिला मुख्यालय के नगर पालिका परिषद वार्ड क्रमांक 11 के निवासी इसरार खान ने अपने वार्ड के स्थानीय कांग्रेस के जनप्रतिनिधि से प्रताड़ित होकर कट्टर कांग्रेसी होने के बावजूद भाजपा का दामन कुछ दिनों पहले पूर्व मंत्री रामविचार नेताम की उपस्थिति में थाम लिया था। जिस पर भरोसा करते हुए भाजपा जिला अध्यक्ष के निर्देश एवं भाजपा मंडल अध्यक्ष के अनुशंसा पर भाजपा अल्प संख्यक मोर्चा मंडल अध्यक्ष बनाया गया है।
भाजपा अल्प संख्यक मोर्चा मंडल अध्यक्ष बनने के बाद इसरार खान ने कहा कि माननीय पूर्व मंत्री रामविचार नेताम जी ने जिस भरोसे के साथ मुझे युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष की जवाबदारी सौंपी है, मैं पूरी ईमानदारी के साथ पार्टी संगठन के आदेश निर्देश का पालन करते हुए,अपने बलरामपुर नगर पालिका में संगठन को मजबूत करने का प्रयास करूंगा। भाजपा के रीति नीति से लोगों को अवगत कराते हुए, भाजपा पार्टी से जोड़ते हुए, संगठन को मजबूत करूंगा। आपको बता दें कि बलरामपुर जिला मुख्यालय नगर पालिका परिषद वार्ड क्रमांक 11 के निवासी इसरार खान कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के प्रताड़ना से भाजपा प्रवेश किए हैं।
हमारे रिपोर्टर से बात करते हुए इसरार खान ने कहा कि, मैं भारतीय जनता पार्टी के रीति नीति से प्रभावित होकर पार्टी ज्वाइन किया हूं, कांग्रेस में हमारे पूर्वज जन्म से कांग्रेसी थे, हम लोग कांग्रेस के कट्टर समर्थक थे, लेकिन मैंने कुछ दिनों से देखा कि, हम लोग जन्म से कांग्रेसी होते हुए भी, अपने ही कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों से प्रताड़ित होते आ रहे हैं, कांग्रेस के प्रताड़ना से तंग आकर में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया हूं, और हमारे साथ सैकड़ों लोग हैं, जिन्होंने प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा को समर्थन करें।
विडंबना तो यह है कि विधानसभा चुनाव के कुछ महीने बाकी हैं, और कांग्रेस के जन्मजात खान परिवार भाजपा में शामिल होकर, बलरामपुर नगर पालिका में कांग्रेस के गिरते ग्राफ का जीता जागता उदाहरण पेश किया है, जहां एक ओर बलरामपुर नगर पालिका परिषद में कांग्रेस के बहुमत वाली परिषद होने के बावजूद, कांग्रेस के जनप्रतिनिधियो से वार्ड वासी खुश नहीं है, जन्मजात खान परिवार कांग्रेसी को भी नगर पालिका के कांग्रेस के जनप्रतिनिधि संभाल नहीं पा रहे हैं, जिससे विपक्ष में बैठे भारतीय जनता पार्टी को बैठे बिठाए मुद्दा मिल रहा है और कांग्रेसी भाजपा में स्वेच्छा से शामिल हो रहे हैं, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में बलरामपुर नगरपालिका के स्थानीय जनप्रतिनिधि और नेताओं के भरोसे कांग्रेस की नैया पार कैसे हो पाएगी।
स्थानीय जनप्रतिनिधि के भरोसे कांग्रेस के लिए बलरामपुर नगर पालिका में चुनाव जीतने का दावा खोखला साबित होगा , आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए जीत की राह बलरामपुर नगर पालिका परिषद में आसान नजर नहीं आ रहा है।