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सहायक प्राध्यापकों की भर्ती की विज्ञापन जल्द हो सकता है जारी, मुख्यमंत्री ने संघ को दिया आश्वासन

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रायपुर 4 जून 2023। सहायक प्राध्यापक की भर्ती का इंतजार जल्द ही खत्म हो सकता है। नेट/सेट/पीएचडी सहायक प्राध्यापक प्रतियोगी संघर्ष संघ को मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में आश्वासन दिया है कि जल्द ही सहायक प्राध्यापक का विज्ञापन जारी कर दिया जायेगा। शनिवार को नेट/सेट/पीएचडी संघ का एक प्रतिनिधिमंडल रायगढ़ में रामायण महोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री से मिला और उनसे सहायक प्राध्यापक की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि जल्द ही इस संदर्भ में प्रक्रिया शुरू होगी।

आपको बता दें कि नेट/सेट/पीएचडी सहायक प्राध्यापक प्रतियोगी संघर्ष संघ की तरफ से लंबे समय से सहायक प्राध्यापकों की भर्ती की मांग करता रहा है। कई दफा मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन सौंपा गया, कई बार राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया। हालांकि विज्ञापन जारी नहीं किया गया। हालांकि अब जबकि मुख्यमंत्री ने नौकरी का पिटारा खोला है, तो अभ्यर्थियों को उम्मीद जगी है कि उनकी मांगों पर राज्य सरकार जल्द ही गौर करेगी।

संघर्ष संघ का कहना है कि छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षित बेरोजगार जो नेट / सेट / पी.एच.डी. योग्यता प्राप्त करते-करते अधिक उम्र के हो जाते है। सहायक प्राध्यापक भर्ती की विकेन्सी अधिक समय अंतराल में आने के कारण कुछ लोगों को मौका मिले बिना ही उम्र पार हो जाती है तथा कुछ को एक बार मौका मिलने के बाद दोबारा मौका नहीं मिल पाता है। सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा की विकेन्सी लम्बा अंतराल में आने के कारण युवाओं में गहरा रोष / हताशा / निराशा की स्थिति बनी हुई है।

संघ की तरफ से कहा गया है कि सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा पूर्व सरकार के द्वारा 2018-19 जो कि 2017-18 के रिक्त पदों के गणना के अनुसार प्रायोजित थी। वर्तमान समय में शासकीय महाविद्यालयों में लगभग 2500 सहायक प्राध्यापक का पद रिक्त है। वहीं मौजूदा सरकार के कार्यकाल में नवीन महाविद्यालय भी खुले है। छत्तीसगढ़ में नेट / सेट / पी. एच. डी युवाओं की संख्या भी बढ़ी है जो सहायक प्राध्यापक परीक्षा की लम्बे समय से तैयारी कर रहे है। उनके पास और कोई विकल्प नहीं है।

संघ ने मांग की है कि आयु सीमा 40 वर्ष एवं उम्र की गणना 01 जनवरी 2022 से करने की कृपा की जाये। यदि रिक्त पदों पर भर्ती की जाती है जिसका सीधा प्रभाव उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

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