सारंगढ़-बिलाईगढ़

अपने ही पिता पर पीएचडी कर अनोखा… 26वे दीक्षांत समारोह में बिलाईगढ़ ब्लाक के परसाडीह निवासी डॉ जांगडे को पीएचडी उपाधि से नवाजा

Share this

अपने ही पिता पर पीएचडी कर अनोखा… 26वे दीक्षांत समारोह में बिलाईगढ़ ब्लाक के परसाडीह निवासी डॉ जांगडे को पीएचडी उपाधि से नवाजा

बिलाईगढ़/ एचडी महंत – बिलाईगढ़ के माटी पुत्र डॉक्टर हेमचंद्र जांगडे ने अपने ही पिता पर पीएचडी कर इतिहास रचा है। आपको बता दे कि गत 24 मई को पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के 26वे दीक्षांत समारोह में बिलाईगढ़ ब्लाक परसाडीह के रहने वाले डॉ हेमचंद्र जांगडे को पीएचडी उपाधि से नवाजा गया।
उन्होंने राजनीतिक विज्ञान विषय अंतगर्त अपने पिता स्व.रेशमलाल जांगडे के जीवन व्यक्तिगत एवं उनके योगदान पर शोध कार्य किया। शीर्षक था छत्तीसगढ़ के विकास में रेशमलाल जांगडे का योगदान।
उलेखनीय है कि डॉ हेमचंद्र जांगडे जो कि सारंगढ- बिलाईगढ़ जिला का रहने वाले है ,वे अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य रह चुके है , जिसने अपने पिता श्री रेशमलाल जांगडे जो कि स्वतंत्रता सेनानी ,भारतीय संविधान सभा के सदस्य,अंतरिम सदस्य के सदस्य, आजाद भारत के पहली लोकसभा सदस्य के सदस्य बिलाईगढ़ के तीन बार विधायक व महान समाज सुधारक रहे है।

इस पर अपने पुत्र ने पीएचडी कर पूरे बिलाईगढ़ क्षेत्र नही बल्कि समूचे छत्तीसगढ़ को गौरान्वित किया है , देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है की किसी पुत्र ने अपने ही पिता पर पीएचडी अच्छे से की हो, उनके उपलब्धि पर समूचे क्षेत्र में खुशी ब्याप्त है लोगो ने उन्हें बधाई दी है, श्री जांगडे की इस उपलब्धि पर पूरे छत्तीसगढ़ को उन पर नाज है। आपको बता दे कि उनके पिता श्री रेशमलाल जांगडे का छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बड़ा नाम रहा है उनके छत्तीसगढ़ में बेहद सम्मान से नाम लिया जाता है, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश के विकास में उनका योगदान को भुलाया नही जा सकता ।
15 फरवरी 1925 मे रायपुर जिला वर्तमान मे बलौदाबाजार के बिलाईगड तहसील के एक छोटे से गाव परसाडीह में जन्मे स्व रेशमलाल जांगडे जी गाव में स्कूल नही होने के बावजूद भी बी़ ए़ कि बढाई कि देश प्रेम कि जज्बा एंव गांधी जी से प्रेरित होकर 1942 के असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए तथा अगस्त 1942 मे जेल में रहे 1949 मे एल एल बी कि पढाई कि जांगडे जी 4 बार सासंद , 3 बार विधायक , मंत्री संविधान सभा के सदस्य रहे ।

 

1949 मे देश के प्रथम ससंद के सदस्य रहे 1952से 1962 तक लगातार सासंद रहे 1989से 1994 तक सांसद रहे 1962 से 1967, 1972 से 1977, 1980 से 1985 तक मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे
स्व रेशमलाल जांगडे जी स्वतंत्रता सेनानी, अधिवक्ता, सासंद, विधायक, मंत्री ,संविधान सभा सदस्य, आजाद भारत के प्रथम संसद के सदस्य समाज सुधारक सभी पदो को सुशोभित किया उनका जीवन दर्शन अनमोल एवं अविस्मरणीय है।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *