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बृजभूषण को भाजपा आलाकमान ने दी हिदायत, कहा- बेवजह बयानबाजी से बचें…

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नई दिल्ली : पहलवानों और बृजभूषण शरण सिंह का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को बीजेपी आलाकमान से कुछ सख्त हिदायतें दी गई हैं। पार्टी ने बृजभूषण को गैर-जरूरी बयानबाजी नहीं करने की नसीहत दी है। साथ ही कहा है कि बृजभूषण कोई कार्यक्रम ना करें। अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अयोध्या में होने वाली अपनी महारैली रद्द कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, बृजभूषण ने भाजपा हाईकमान के कहने पर 5 जून से होने वाली रैली को कैंसिल किया है। हाईकमान ने उन्हें बयानबाजी से बचने की भी नसीहत दी है।

धारा 144 का दिया हवाला

दरअसल, पहलवानों से यौन शोषण के आरोपों में घिरे बृजभूषण शरण सिंह अयोध्या में 5 जून को बड़ा कार्यक्रम करना चाह रहे थे। इस कार्यक्रम का नाम “जन चेतना रैली..5 जून अयोध्या चलो” रखा गया था। प्रोग्राम में 11 लाख लोगों को बुलाने का दावा किया जा रहा था, लेकिन अब धारा 144 का हवाला देकर बृजभूषण ने अपने प्रोग्राम को कैंसिल कर दिया।

कुरुक्षेत्र में खाप महापंचायत

वहीं, आज बृजभूषण के खिलाफ हरियाणा के कुरुक्षेत्र में खाप महापंचायत चल रही है। राकेश टिकैत समेत अलग-अलग खाप के प्रमुख महापंचायत में शामिल हैं। रेसलर्स का पूरा सपोर्ट कर रहे हैं। खाप पंचायत में सवाल उठाया गया कि जब pocso एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ, तो बृजभूषण की फौरन गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही? जल्द ही खाप डेलीगेशन रेसलर्स के मुद्दे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेगा। आज की खाप महापंचायच में आगे के एक्शन प्लान का ऐलान हो सकता है।

रैली रद्द करने का ऐलान

बृजभूषण ने फेसबुक पोस्ट के जरिए रैली रद्द करने की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “मेरे प्रिय शुभचिंतकों! आपके समर्थन के साथ पिछले 28 वर्षों से लोकसभा के सदस्य के रूप में सेवा की है। मैंने सत्ता और विपक्ष में रहते हुए सभी जातियों, समुदायों और धर्मों के लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया है। इन्हीं कारणों से मेरे राजनीतिक विरोधियों और उनकी पार्टियों ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए हैं। वर्तमान स्थिति में कुछ राजनीतिक दल विभिन्न स्थानों पर रैलियां कर प्रांतवाद, क्षेत्रवाद और जातीय संघर्ष को बढ़ावा देकर सामाजिक समरसता को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे लिखा, “उद्देश्य यह है कि 5 जून को अयोध्या में एक संत सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया, ताकि पूरे समाज में फैल रही बुराई पर विचार किया जा सके, लेकिन अब जबकि पुलिस आरोपों की जांच कर रही है और सुप्रीम कोर्ट के गंभीर निर्देशों का सम्मान करते हुए “जन चेतना महारैली, 5 जून, अयोध्या चलो” कार्यक्रम कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है।”

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