राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर हाईकोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया।
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर में जनहित याचिका दायर की गई थी, यह प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर थी।सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया है.राज्य सरकार की तरफ से स्वास्थ्य विभाग ने हाईकोर्ट के समक्ष शपथ पत्र दिया. इस शपथ पत्र में यह कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को सुधार लिया जाएगा. राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता पैरवी करते हुए आश्वासन दिया कि राज्य में चिकित्सा सेवाओं को सुचारू पूर्वक चलाया जाएगा. आनेवाले दिनों में जरूरतमंदों को उचित समय में दवा और इलाज मुहैया कराने की कोशिश की जाएगी. बिलासपुर के जोरापारा निवासी हाईकोर्ट अधिवक्ता एसबी पाण्डेय ने समाचार पत्रों में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की लचर और दयनीय अवस्था देखकर यह याचिका दायर की थी।जिसमें शासकीय अस्पतालों में डॉक्टर, स्टॉफ, दवा और नर्सों की कमी थी. दवाइयों के बिना इस्तेमाल के एक्सपायर होने की बात भी कही गई थी. इसके अलवा सरकारी दवाओं को कचरे में फेंकने,सिम्स अस्पताल में लापरवाही जैसे मुद्दों को याचिका में बताया गया था. जिसमें शासकीय अस्पतालों में डॉक्टर, स्टॉफ, दवा और नर्सों की कमी थी. दवाइयों के बिना इस्तेमाल के एक्सपायर होने की बात भी कही गई थी. इसके अलवा सरकारी दवाओं को कचरे में फेंकने,सिम्स अस्पताल में लापरवाही जैसे मुद्दों को याचिका में बताया गया था. इससे पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग से जवाब तलब किया था. कोर्ट ने 11 मई 2023 के पूर्व राज्य के स्वास्थ्य विभाग के संचालक ने शपथपत्र के माध्यम से वास्तविकता की जानकारी देने को निर्देश दिया था. लापरवाही की वजह से सिम्स में मरीजों मरीजों की मौत कभी जिक्र इस याचिका में किया गया था।