
बलरामपुर जिले के वीरान होते सेमरसोत अभ्यारण कि सुध लेने की नहीं है फुर्सत, विभागीय अधिकारी को।
अभ्यारण में जानवरों के रहने की जगह, ग्रामीणों का अतिक्रमण कर बनाया गया है बसेरा,अभ्यारण क्षेत्र के जंगल से जंगली जानवर हो रहे हैं नदारद।
बलरामपुर/ आफताब आलम – आपको बता दे की बलरामपुर जिले के अंतर्गत सेमरसोत अभ्यारण अपनी खूबसूरती के नाम से पिछले कुछ वर्षों पहले जाना जाता था, मगर सेमरसोत अभ्यारण के झालरिया सर्किल में पदस्थ दरोगा के भ्रष्टाचार से वन माफियाओं का हौसला बुलंद है, सर्किल दरोगा दिनेश चौहान वन माफियाओं से मिलीभगत कर जंगलों का सफाया करा रहे है।
वही जंगलों के वीरान होने से, जंगली जानवर अभ्यारण क्षेत्र से नदारद होते नजर आ रहे हैं, जहां अभ्यारण क्षेत्र में जंगली जानवरों का बसेरा होना चाहिए, वहां जंगलों की कटाई कर अतिक्रमण करते हुए ग्रामीण अपना रिहायशी क्षेत्र बना दिए हैं।
इस कदर वनो के रक्षक वन माफिया के भरोसे सेमरसोत अभ्यारण्य का जल्द ही सेमरसोत अभ्यारण अपना अस्तित्व खो देगा।
वही कोदौरा रेंज में पदस्थ रेंज ऑफिसर के भी झालरिया सर्किल के सेमरसोत अभ्यारण में हो रहे जंगलों का कटाई तथा अभ्यारण क्षेत्र में हो रहे धुआंधार कब्जा पर किसी भी तरह का कोई संज्ञान नहीं लिया जाना समझ से परे है, या रेंज आफिसर की सहमति है।
अब देखने वाली बात यह है कि, क्या खबर प्रकाशन के बाद वन मंडला अधिकारी एलिफेंट रिजर्व कोई संज्ञान लेकर पदस्थ सर्किल दरोगा और रेंज आफिसर पर कोई कार्यवाही करते भी है या नही।
