झलारिया सर्किल सेमरसोत अभ्यारण में,पदस्थ दरोगा के मिलीभगत से, हो रहा है अभ्यारण्य क्षेत्र जंगल का सफाया।
भ्रष्टाचार में लिप्त वन माफिया बनकर सर्किल दरोगा जंगलों की करवा रहे हैं खुलेआम कटाई।
संरक्षित वन क्षेत्र सेमरसोता अभ्यारण में, जंगली जानवरों के जगह, ग्रामीणों का बसेरा, ग्रामीण खुलेआम पदस्थ दरोगा,दिनेश कुमार चौहान को मोटी रकम देकर, जंगलों की कटाई कर, अभ्यारण क्षेत्र में कर रहे हैं कब्जा।
बलरामपुर/ आफताब आलम – बलरामपुर जिले के कोदौरा रेंज अंतर्गत रिजर्व फारेस्ट, सेमरसोत अभ्यारण में,जंगल काटकर झलरिया सर्किल के दरोगा दिनेश कुमार चौहान के द्वारा ग्रामीणों से मोटी रकम लेकर, खुलेआम रिजर्व फॉरेस्ट जंगल को कटाई करा ग्रामीणों के लिए रिहायसी क्षेत्र बना दिया गाय है, जिसकी सुध लेने की फुर्सत,रिजर्व फॉरेस्ट, अभ्यारण क्षेत्र के वन मंडलाधिकारी एलिफेंट रिजर्व अंबिकापुर को भी नहीं है।
कोदौरा रेंज अंतर्गत झलरिया सर्किल में विगत दो वर्षों से जंगलों की अंधाधुंध कटाई कर रिजर्व फॉरेस्ट जंगल को सफाया,विभाग के पदस्थ दरोगा द्वारा कराया जा रहा है। रिजर्व फॉरेस्ट में जंगली जानवरों के जगह ग्रामीणों का बसेरा हो गया है,खुलेआम जंगलों की कटाई कर अवैध कब्जा निरंतर किया जा रहा है, सर्किल दरोगा के नजरो के सामने,जंगलों की कटाई की जा रही है।
वही सर्किल दरोगा दिनेश कुमार चौहान, जंगलों की कटाई करवा कर मोटी रकम की खुलेआम कमाई कर रहे हैं।
राज्य शासन के द्वारा संरक्षित वन क्षेत्र में करोड़ों रुपए लगाकर, वन प्राणियों के लिए, अभ्यारण में तमाम योजना संचालित की गई है, जो सिर्फ महज कागजों में खानापूर्ति कर गोल माला किया जा रहा है, जबकि धरातल पर तो हकीकत यह है कि, रिजर्व फॉरेस्ट में जंगली जानवरों के जगह ग्रामीण कब्जा कर बसेरा डाले हुए है
वन रक्षक ही भक्षक हो जाए, तो कहा संभव है की जंगल की रखवाली हो पाएगी, जंगल की रखवाली का जिम्मा जिन अधिकारियों को दी गई है, वह जंगलों को कटाई कर खुलेआम बिक्री कर रहे हैं। अभ्यारण क्षेत्र एक चटीयल मैदान बनकर रह गया है,अभ्यारण क्षेत्र के जानवरों को रहने का जगह ही वन क्षेत्र में नहीं बचा, संरक्षित वन क्षेत्र कितना सुरक्षित है, यह तो देखने से ही पता चलेगा।
अब देखना यह होगा कि, क्या खबर प्रकाशन के बाद, रिजर्व फॉरेस्ट, एलीफेंट वन मंडलाधिकारी, खबर प्रकाशन के बाद कितनी गंभीरता से,सेमरसोता अभ्यारण का निरीक्षण कर, भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर कार्यवाही करते हुए, अवैध निर्माण, अवैध कब्जा करने वाले ग्रामीणों पर कोई कार्यवाही करते भी है या नहीं।