संजू त्रिपाठी हत्याकांड में शामिल मुख्य आरोपी की पत्नी को मिली जमानत
बिलासपुर। बिलासपुर शहर के बहुचर्चित संजू त्रिपाठी हत्याकांड में पुलिस जांच की लापरवाही का नतीजा है कि आरोपियों को जमानत मिलने लगी है। 14 दिसंबर को सकरी बाइपास में कुदुदंड निवासी हिस्ट्रीशीटर और कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वारदात के बाद पुलिस ने संजू त्रिपाठी के भाई कपिल त्रिपाठी को मुख्य आरोपी मानकर उसकी खोज शुरू कर दी थी। मौका पाकर कपिल त्रिपाठी अपने दोस्त प्रॉपर्टी डीलर केदार सिंह और रवि सिंह के साथ उसकी गाड़ी से रायपुर-भिलाई गया और वहां से नागपुर होते हुए दिल्ली भाग गया था। वहीं पुलिस ने इस हत्याकांड के आरोप में संजू त्रिपाठी के पिता जय नारायण त्रिपाठी और कपिल त्रिपाठी की पत्नी सुचित्रा त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इस केस में कपिल त्रिपाठी के अन्य रिश्तेदार और दोस्तों को भी आरोपियों के रूप में शामिल किया था, यह वही लोग हैं जिन्होंने शूटरो की किसी ना किसी प्रकार से मदद की थी। चित्रा त्रिपाठी पर ने पति कपिल त्रिपाठी को गोरखपुर से नेपाल बॉर्डर तक भागने में मदद करने का आरोप है। इस हत्याकांड में शामिल लोगों को जमानत मिलने का सिलसिला जल्दी चालू हो गया जिसने पहले ही रवि सिंह को जमानत मिल गई, वकील प्रभाकर सिंह ने पैरवी करते हुए ने कहा कि इस हत्याकांड का एक प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं है। फिर भी पुलिस ने रवि सिंह को बिना किसी आधार के हत्या के षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया है।
और अब षड्यंत्र में शामिल सुचित्रा त्रिपाठी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। अब इस केस में पुलिस की जांच में सवाल उठ रहा है। सुचित्रा के वकील आदित्य तिवारी और सुमित सिंह ने कोर्ट को बताया कि वह हत्या में शामिल नहीं थी। फिर भी वह अपने छोटे से बच्चे के साथ जेल में है। वहीं, उनके दो बच्चे रिश्तेदारों के यहां रहने के लिए मजबूर हैं। बिना बिना किसी ठोस सबूत के उसे जेल में रखा गया है। इसलिए उसे जमानत दी जाए। इस हत्याकांड में शामिल 4 शूटरो की पुलिस ने पहचान भी कर ली पर वह चारों अभी भी पुलिस की पहुंच से बाहर। पुलिस ने अपनी जांच में लापरवाही बरती है उसका फायदा आने वाले समय में और भी आरोपियों को मिल सकता है……

