शहीद जवानों के परिजनों से मुलाकात के दौरान ‘आप’ के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने किया चौंकाने वाला खुलासा*
शहीद जवानों के परिजनों को पुलिस कागजी कार्रवाई के नाम पर कर रही परेशान: कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप*
*आस-पास गांवों के नौजवानों को पकड़ रही पुलिस, पूछताछ के नाम पर कर रही मारपीट: कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप*
*नक्सली केस में फंसाने की धमकी देकर पढ़ने-लिखने वाले बच्चों के साथ पुलिस कर रही मारपीट: कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप*
बिलासपुर ( ब्यूरो चीफ) /दंतेवाड़ा के अरनपुर में हुए नक्सली हमले में डीआरजी के 10 जवान शहीद हो गए थे। इसी बीच शहीद जवानों के परिवारों से कल यानी सोमवार को आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात करने पहुंचे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि 1 मई को आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधि मंडल शहीद परिवारों से मिलने सम्बंधित गांवों में पहुंचे तो पुलिस अधीक्षक ने शहीदों की पत्नियों और अन्य परिजनों को एसपी कार्यालय बुलवा लिया, ताकि प्रतिनिधि मंडल उनसे न मिल सके। जबकि इसी दिन शहीद परिवारों द्वारा अंतिम क्रियाकर्म का कार्यक्रम रखा गया था।
कोमल हुपेंडी ने कहा कि शहीद जयराम पोड़ियाम, मेटापाल की पत्नी-बच्चे व परिजनों से मुलाकात हुई। शहीद राजू राम कटरम, बड़ेगुडरा, शहीद जगदीश कवासी, बड़ेगुडरा, शहीद हरिराम मण्डावी, सुरनार, शहीद सन्तोष तामो- बड़ेकमेली के परिजनों से मुलाकात नहीं हुई। क्योंकि पुलिस-प्रशासन ने शहीद जवानों के परिवार को पूछताछ के लिए थाने बुला लिया था, क्योंकि मुआवजे से संबंधित कोई भी काम नहीं हो सका था। जिससे प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात होती तो भूपेश सरकार की नाकामियों का खुलासा हो जाता। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन में तनिक भी मानवता नहीं बची है। परिजनों को भूपेश सरकार ने अबतक सम्मान राशि या किसी भी तरह की कोई मदद नहीं की, लेकिन उन्हें थाने बुलाया जा रहा है।
कोमल हुपेंडी ने कहा कि अभी शहीदों के अंतिम संस्कार को हफ्तेभर भी नहीं बीता कि मुआवजे की राशि को लेकर प्रशासन परिजनों को थाने बुलाकर परेशान कर रहे हैं। ऐसे में यदि प्रशासन चाहता तो घर जाकर भी सारे कागजी काम हो सकते थे। लेकिन शासन-प्रशासन की कैसी निर्दयता है कि शहीदों का परिवार अभी दुख से उभर नहीं पाया है, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और उन्हें थाने बुलाकर घंटो तक बैठाया जा रहा है। इसके अलावा अरनपुर के आस-पास गांवों के नौजवानों को पुलिस पकड़ रही है, उनसे पूछताछ के नाम पर प्रताड़ित और मारपीट की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूछताछ करे, लेकिन उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए।
‘आप’ प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने बताया कि अरनपुर, माड़ेंदा, नीलावाया, बोरगुम, छोटेकरका व बड़ेकरका के ग्रामीण युवाओं को परेशान किया जा रहा है। धमकी व थाने में बैठाकर मारपीट किया जा रहा है। जिनमें पढ़ने वाले बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जो भी संदिग्ध लोग हों उन्हें चिन्हांकित कर शासन-प्रशासन सूची जारी करे। ताकि समाज भी उनको सुधारने का प्रयास कर सके, लेकिन भूपेश सरकार ऐसा नहीं कर रही है। इधर, जैसे ही इस तरह की घटनाएं होती हैं, तो प्रशासन द्वारा निर्दोष लोगों के साथ मारपीट की जाती है और उन्हें नक्सल केस में फंसाने की धमकियां दी जा रही हैं। उन्होंने इस पर अपना विरोध जताया है।
कोमल हुपेंडी ने कहा कि सामने से गोली चलती है तो आदिवासी के पेट पर और पीछे से गोली चलती है तो उसके पीठ पर लगती है। उन्होंने भूपेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगना चाहिए। छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार नक्सलवाद को लेकर गंभीर नहीं है। अबतक सरकार ने शांति बहाली के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आए, श्रद्धांजलि और शहीदों को कंधा देकर चले गए, लेकिन उन्हें पता नहीं है कि यहां उनके परिजनों का क्या हाल है? वे कैसे रह रहे हैं, वे कैसे जी रहे हैं, इसका मुख्यमंत्री जी को कोई अंदाजा नहीं है।
कोमल हुपेंडी ने नक्सली हमले में शहीद सभी जवानों के प्रति आम आदमी पार्टी की ओर से श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि शहीदों के परिजनों के साथ पुलिस जिस तरह से व्यवहार कर रही है, उपर तुरंत रोक लगाई जाए। नक्सलवाद को लेकर सकरात्मक बातचीत होनी चाहिए ताकि हमारा छत्तीसगढ़, हमारा बस्तर शांति का टापू बना रहे। जिससे जो खूनी खेल हो रहा है, उस पर रोक लग सके। भूपेश सरकार से मांग करते हुए कोमल हुपेंडी ने कहा कि शहीद जवानों के परिवार को दिल्ली और पंजाब सरकार की तर्ज पर एक करोड़ रूपए की सम्मान राशि और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। जिससे परिवार अपना भरण-पोषण कर सके। साथ ही हमले में शहीद ड्राइवर के परिवार को भी सारी सुविधाएं दी जाए।