क्राइम वॉच

सिरफिरे आशिक ने अपने दोस्त और प्रेमिका के साथ दीया जघन्य अपराध को अंजाम

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सिरफिरे आशिक ने अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर दीया जघन्य अपराध को अंजाम
बिलासपुर/ सुधीर तिवारी – चकरभाटा थाना एरिया में दिनांक 14/04/23 को होटल सेंट्रल प्वाइंट के बगल में बोदरी जाने वाले रास्ते में अज्ञात युवक का शव मिला था| जिसकी पहचान दीपक यादव पिता परदेसी यादव उम्र 33 वर्ष अटल आवास चौबे कॉलोनी सरकंडा के रूप में हुई थी। पेशे से ड्राइवर था । अटल आवास निवासी ललिता यादव जो अपने पति को छोड़ दी है का संबंध आरोपी दुर्गेश यादव से था लेकिन दुर्गेश यादव ललिता का किसी और से बातचीत या परिचय रखना पसंद नहीं था। अपने ही मौसेरे भाई मृतक दीपक यादव वह ललिता यादव के बीच संबंध होने के बाद पर कई बार विवाद होता था दुर्गेश और ललिता पिछले कई दिनों से दीपक यादव की हत्या करने की योजना बना रहे थे। इसी सिलसिले में वह लगातार क्राइम पेट्रोल सीरियल को फॉलो कर रहे थे जिसमें हत्या करने के बाद पुलिस से बचने का तरीका सीख रहे थे। सुनियोजित तरीके से दिनांक 14 अप्रैल की शाम मृतक को दुर्गेश यादव नूतन चौक में मिला और दीपक यादव की गाड़ी नूतन चौक में ही रखवा कर अपने साथ कंपनी की मारुति ब्रेजा मे बैठाकर व्यापार विहार ले गया और यहां से अपने दोस्त जोकि पेशे से क्रेन ऑपरेटर को मनोज यादव को साथ लेकर व्यापार विहार से बीयर खरीदी और चकरभाटा की तरफ गाड़ी को सुनसान जगह ले गए। उसके बाद दोनों ने मिलकर मृतक को जमकर शराब पिलाई और उसी बीयर बोतल वह गाड़ी में रखे पेचकस से युवक पर प्राणघातक हमला कर युवक की हत्या कर दी। इस घटना की पूरी जानकारी दुर्गेश यादव ने अपनी प्रेमिका को दी। आरोपी दुर्गेश यादव मृतक से इस कदर नफरत करता था की उसे मृतक दीपक यादव का अपनी प्रेमिका को छूना कतई पसंद नहीं था इसी कारण उसने युवक का पंजा काट लिया, अपराध करने के बाद वहां से भाग गए। इस केस में ए सी सी यू और चकरभाटा पुलिस संयुक्त जांच कर रही थी इसी दौरान वहां पर बीयर की खाली बोतल में बारकोड से दुकान का पता किया गया फिर संदिग्ध युवक की पतासाजी में जुड़ गई। जब दुर्गेश यादव से पूछताछ की गई तो काफी समय तक वह अपना अपराध स्वीकार नहीं कर रहा था पुलिस को गुमराह करने के लिए कुछ अलग ही कहानी रच रहा था परंतु कड़ाई से पूछताछ करने पर वह टूट गया और अपने साथी मनोज यादव और ललिता यादव द्वारा किए गए उपरोक्त जुर्म करना स्वीकार किया। आरोपी पहले तो अपनी प्रेमिका को बचाने का पूरा प्रयास कर रहा था परंतु बाद में साक्ष्य दिखाने पर सारी सच्चाई उसने बना कर दी क्योंकि सुनियोजित ढंग से इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया है और इसमें ललिता यादव बराबरी की आरोपी है। तीनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया किया गया है। इसमें पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए 24 घंटे के भीतर ही इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझा ली जिसमें सराहनीय योगदान रहा एस ई सी यू प्रभारी धर्मेंद्र वैष्णव और चकरभाटा थाना स्टाफ का।

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