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मनुष्य जीवन में कल्याण का एक ही मार्ग श्रीमद् भागवत कथा

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मनुष्य जीवन में कल्याण का एक ही मार्ग श्रीमद् भागवत कथा

तखतपुर – तखतपुर ब्लाक के ग्राम देवरी कला में श्रीमद् भागवत महापुराण यज्ञ का आयोजन समस्त ग्राम वासियों द्वारा किया जा रहा है l प्रतिदिन प्रातः 8:00 बजे से वेदी पूजन, तुलसी पूजन परिक्रमा एवं कथा का प्रारंभ शाम 3:00 बजे से हरिइच्छा तक चल रहा है l कथा के अलौकिक प्रसंग में पंडित शिवचरित् द्विवेदी ने कहा– रुकमणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार थी रुक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्री कृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो उसने मन ही मन श्री कृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया l रुक्मणी का बड़ा भाई रूक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह के चेरी नरेश राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से करना चाहता था रुकमणी को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एक ब्राम्हण संदेश वाहक द्वारा श्री कृष्ण के पास अपना परिणय संदेश भिजवाया तब श्रीकृष्ण विदर्भ देश की नगरी कुंदनपुर पहुंचे और वहां बारात लेकर आए शिशुपाल व उसके मित्र राजाओं सालवा, जरासंध व्रत और पौंड्रक को युद्ध में परास्त करके रुक्मणी का उनकी इच्छा से हरण कर लिए वह द्वारिकापुरी आ ही रहे थे कि उनका मार्ग रूक्मी ने रोक लिया और कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा तब युद्ध में श्री कृष्णा बलराम ने रूक्मी को पराजित करके दंडित किया तत्पश्चात श्री कृष्ण ने द्वारका में अपने संबंधियों के समक्ष रुक्मणी से विवाह किया l इस मौके पर श्री उमाशंकर तिवारी, राजेंद्र तिवारी ,फतेह लाल शिवास, राजकुमार कौशिक ,बसंत कुमार कौशिक , परदेसी राम, सोहन लाल वस्त्रकार , प्रदीप, महेश तिवारी बिल्लू वस्त्रका विनोद कौशिक , ललिता एवं समस्त ग्रामवासी श्रद्धालु भागवत पुराण का रसास्वाद ले रहे हैं l

 

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