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महानदी में अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन जिम्मेदार बने तमाशबीन

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दिल हरण चंद्रा / जैजैपुर:- जैजैपुर ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत किकिरदा महानदी से रोजाना ट्रैक्टर से सैकड़ों ट्रिप रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है।छत्तीसगढ़ की मुख्य नदी जो कि जीवन दायनी कही जाने वाली महानदी का सीना इन दिनों रेत माफिया छलनी करने में लगे है।महानदी में इन दिनों रोजाना रेत का अवैध तरीके उत्खनन कर परिवहन का खेल चल रहा है।. नदियों में अवैध रूप से चल रहे रेत उत्खनन कार्य से जहां शासन को लाखों रुपए के रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. इसके साथ ही नदियों के अस्तित्व पर संकट भी गहराता जा रहा है. कई जगह नदियों में रेत की खदान इतने ज्यादा बढ़ गए है कि वहां जनजीवन पर भी इसका असर दिखने लगा है। जानकारी के मुताबिक रेत के इस अवैध कारोबार में रसूखदार लोगों द्वारा किया जा रहा है। इनको न तो सरकार का डर है और न ही जिला प्रशासन का डर है। इनके आगे खनिज विभाग सहित जिला प्रशासन भी नतमस्तक हो चुके हैं फलस्वरूप बेखौफ इस अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे हैं।

खनिज विभाग की लापरवाही से शासन को राजस्व की हानि

वहीं खनिज विभाग की बात करें तो इनके विभाग में हर क्षेत्र में निरीक्षक की नियुक्ति की गई है लेकिन कभी अपने क्षेत्र में निरीक्षण ही नही करते हैं। फलस्वरूप कुछ रसूखदारों के द्वारा खुलेआम खनिज संपदा का दोहन किया जा रहा है और खनिज विभाग ऐसी कमरे में बैठकर मजे ले रहे हैं।इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेत माफिया और जिम्मेदार अधिकारी के मिलीभगत से इस अवैध रेत उत्खनन को अंजाम दिया जा रहा है।जिससे शासन को लाखों-करोड़ों रुपये की प्रति वर्ष राजस्व की हानि हो रही है।

बोराई नदी से भी अवैध रेत भंडारण

ग्राम पंचायत चिखलरौंदा में बोराई नदी में अवैध रेत उत्खनन एवं अवैध भंडारण का खेल चल रहा था जिसका केलोप्रवाह दैनिक अखबार में प्रमुखता से प्रकाशित भी किया गया था लेकिन अधिकारियों के कानों में जूं तक नही रेंग रही है।

कार्रवाई करने में अधिकारियों के कांप रहे हाथ

ऐसा नही है कि इस अवैध कारोबार की जानकारी खनिज विभाग को नही है जानकारी होने के बावजूद भी अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नही की जा रही है।रेत माफियाओं तक खनिज विभाग के हाथ नही पहुंच पा रहे हैं या हाथ कांप रहे हैं समझ से परे है। रसूखदार रेत माफिया के आगे प्रशासन नतमस्तक हो चुका है। ऐसे में ये भी कयास लगाया जा रहा है कि रेत माफिया कहीं कांग्रेस के नेता तो नही है।शायद इसीलिए जिले में बैठे खनिज विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने से डर रहे हैं तो इनको अधिकारी बनने का कोई अधिकार नही होना चाहिए और चूड़ी पहन कर घर में बैठना चाहिए। सक्ति एवं जांजगीर जिले में खुलेआम रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन धड़ल्ले से जारी है। और जिम्मेदार अधिकारी
केवल कमीशन लेकर छोड़ दे रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस सरकार का बंटाधार करने में खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई कसर नही छोड़ी जा रही है।

कांग्रेस सरकार की छबि धूमिल करने में खनिज विभाग अव्वल
अविभाजित जिला जांजगीर चाम्पा एवं सक्ति जिला में खनिज प्रचुर मात्रा में पाया जाता है वो चाहे डोलोमाइट पत्थर हो या रेत। जांजगीर जिले के अंतिम छोर बसंतपुर एवं सक्ती जिले के अंतिम छोर किकिरदा में रेत माफिया रोजाना सैकड़ों ट्रिप ट्रेक्टर में अवैध रूप से रेत निकाल कर परिवहन कर रहे हैं। अब देखना होगा कि जांजगीर चाम्पा कलेक्टर डॉ रीता प्रकाश चौधरी एवं सक्ति कलेक्टर राशि नूपुर पन्ना द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है अगर कार्रवाई न हुई तो जनता को ये समझ लेना चाहिए कि महिला कलेक्टर मिलने के बाद भी दोनों जिलों को न्याय नही मिला और महिला सशक्तिकरण केवल स्लोगन बन कर रह गया क्योंकि दो महिला कलेक्टर मिलने के बाद भी महिलाओं के प्रति दोनों कलेक्टर ने अपना अच्छा उदाहरण प्रस्तुत नही किया इससे यही साबित होता है कि महिला कलेक्टर होने के बाद भी महिलाओं के प्रति कलेक्टर वफादार नही है। उनको केवल अपने वेतन से मतलब है उनके जीवन में समाज के प्रति एक अलग उदाहरण रखना उनकी जिम्मेदारी होना चाहिए कि क्या संघर्ष करके एक कलेक्टर जैसे पद में विराजमान हैं लेकिन इनको महिला उत्थान से कोई मतलब नही है। क्योंकि इनको अपनी निजी जिंदगी में ऐश आराम चाहिए। और जांजगीर एवं सक्ति कलेक्टर दोनों महिला हैं आज तक दोनों कलेक्टर ने ऐसा कोई काम नही किया है जिसके कारण इनकी तारीफ की जाय। दोनों कलेक्टर को अपने वेतन एवं कार्यकाल से मतलब है इसके अलावा जनता के प्रति ये दोनों वफादार नही हैं।

दोनों कलेक्टर कार्यालय में होते हैं शिकायत एवं मांग

आम जनता अपनी शिकायत लेकर कलेक्टर कार्यालय बड़ी उम्मीद से पहुंचते हैं और अपने मन में सोचते हैं कि मैं कलेक्टर के पास शिकायत किया हूँ तो जांच एवं कार्रवाई सुनिश्चित है। लेकिन वहीं कलेक्टर कार्यालय में शिकायत करने के बाद भी न जांच होती है और कार्रवाई तो आरोपी कितना हावी होता है ये शायद कलेक्टर महोदय को पता नही है उस आम आदमी जो शिकायत किया रहता है उसको किस कदर प्रताड़ित किया जाता है। इनको तो जिला के एसी कार्यालय में बैठकर सब कुछ देखने की आजादी है और कुछ कोई कार्रवाई नही करेंगे इनको शिकायत चाहिए तभी अपने मन मुताबिक कार्रवाई करेंगे। ऐसे में शिकायत कर्ता ग्रामीण के मनोबल को तोडने में कोई कसर नही छोड़ते हैं क्योंकि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में उच्चाधिकारियों द्वारा कोई कसर नही छोड़ी जाती है। इनको लगता है कि जनता अनपढ़ है और कुछ नही समझते हैं और नेता एवं अधिकारी मिलकर देश को चूस रहे हैं। अगर जनता जागरूक हो जाये एवं नेता एवं अधिकारियों से सवाल करना शुरू कर दे तो देश को अमेरिका बनने में देर नही लगेगी। भारत देश एक विकसित राष्ट्र बन जायेगा। हम जब बचपन में थे तब भी भारत एक विकासशील देश के रूप में पढ़ा है और आज भी भारत देश एक विकासशील देश मे शामिल हैं। और यह अंतर कम से कम 25 सालों का है इससे भारत देश के जनता को सोचना चाहिए कि 25 साल पहले एक स्वतंत्र देश की स्थिति विकासशील थी और आज भी विकासशील की स्थिति में है। ऐसे में मेरे देश का विकास कहाँ जा रहा है ऐसे में ये बड़ा सवाल आज भी कायम है। भारत देश को आजाद हुए लगभग 75 साल हो गए हैं।लेकिन आजाद भारत देश के हर राज्यों में बुनियादी सवाल खड़े हैं चाहे वो शिक्षा के क्षेत्र में हो या स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो बिजली के क्षेत्र में हो या पानी के क्षेत्र में हो ये सारे सवाल आजादी के 75 साल बीतने के बाद भी कायम है तो आम जनता के व्यक्तित्व का विकास आज भी काफी पीछे है। सरकार को व्यक्तित्व का विकास करना चाहिए न कि आम आदमी को लोक लुभावन योजना का लाभ देना चाहिए। न मैं कांग्रेस के कार्यकाल में जाना चाहता हूँ और न ही बीजेपी के कार्यकाल में जाना चाहता हूं मैं सीधा सीधा सरकार से ये जानना चाहता हूं कि मेरा भारत देश कब विकासशील से विकसित देश बनेगा।

अगर वहां रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है तो जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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