रायपुर वॉच

कांग्रेस नेता विनोद तिवारी से ईडी ने की घंटों पूछताछ

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई को लेकर जहां कांग्रेस हमलावर है और लगातार ईडी दफ्तर के समीप पंडाल लगाकर धरना प्रदर्शन कर रही है,वहीं ईडी दफ्तर में उन सभी नेताओं को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है, जिनके घर और दफ्तर पर ईडी की टीम दबिश दे चुकी है।

गुरुवार को कांग्रेस नेता विनोद तिवारी से पूछताछ हुई।

इससे पहले देवेंद्र यादव समेत अन्य नेताओं से भी पूछताछ हो चुकी है।

जानकारी के अनुसार पचपेढ़ी नाका रोड,पुजारी पार्क के सामने स्थित ईडी के दफ्तर में गुरूवार को कांग्रेस नेता विनोद तिवारी को ईडी ने नोटिस देकर बुलाया था।

तिवारी के वहां पहुंचने के बाद ईडी के अधिकारियों ने करीब दस घंटे तक उनसे पूछताछ की। तिवारी को मनी लाड्रिंग और कोयले से संबंधित मामलों को लेकर पूछताछ की गई।

इस दौरान बड़ी संख्यां में कांग्रेस कार्यकर्ता ईडी दफ्तर के बाहर नारेबाजी लगा रहे थे। गौरतलब है कि इससे पहले विधायक देवेंद्र यादव,श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष सन्नी अग्रवाल, गिरीश देवांगन, कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, विधायक चंद्रदेव राय समेत अन्य कांग्रेस नेताओं से ईडी के अधिकारी पूछताछ कर चुके है।

ईडी दफ्तर के बाहर निकलने के बाद विनोद तिवारी ने मीडियाकर्मियों से चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह की आय से अधिक संपत्ति की शिकायत करना गुनाह बन गया। अगर यह गुनाह है तो मैं बार-बार यह करूंगा।जब तक डा.रमन सिंह अपनी आय से अधिक संपत्ति का स्त्रोत छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता को नहीं बता देते तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।पहले भी लड़े है और आगे भी लड़ेगे।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अधिकारी बनकर वसूली करने के मामले में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद आरोपित राजेश चौधरी की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। वहीं निलंबित आइएएस समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल और शिवशंकर नाग से पूछताछ करने के लिए लगाए गए आवेदन पर एक अप्रैल को सुनवाई होगी।

विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में ईडी की ओर से तर्क प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि ईडी को जांच के दौरान दस्तावेज मिले हैं, जिनके संबंध में पूछताछ करनी है। ईडी को अनुमति दी जाए, ताकि दस्तावेजों के तस्दीक करने के साथ ही उनका बयान लिया जा सके।

वहीं निजी अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल सुनील अग्रवाल की जांच एम्स में कराने की अनुमति देने का आवेदन दिया गया था। कोर्ट ने दोनों आवेदनों पर विचार करने के बाद एक अप्रैल को सुनवाई करने की तिथि निर्धारित की है।

 

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