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Chanakya Niti: इन तीन जगहों पर स्वयं आती हैं लक्ष्मी, गांठ बांध लें आचार्य चाणक्य की बात, नहीं होगी कभी धन की कमी

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Chanakya Niti: धन-वैभव के लिए लोग तरह के उपाय करते हैं. ताकि लक्ष्मी की कृपा हो जाए. आचार्य चाणक्य ने लक्ष्मी को प्रसन्न रखने के लिए बड़े पते की बात कही है. उन्होंने चाणक्य नीति दर्पण में धन को लेकर विस्तार से अपने विचार व्यक्त किए हैं. महान अर्थशास्त्री चाणक्य की बातों पर आप गौर करते हैं तो लक्ष्मी सदा आपके घर में वास करेंगी. धन का अभाव नहीं होगा. आइए जानते हैं कि लक्ष्मी को प्रसन्न रखने के लिए क्या है चाणक्य नीति-

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जहां मूर्खों का सम्मान नहीं होता, धान्य यानी अन्न भरपूर रहता है और पति-पत्नी के बीच कलह नहीं होता, वहां लक्ष्मी स्वयं आती हैं. इस जगह पर हमेशा सुख-संपदा रहती है. वह यह बात एक श्लोक में इस प्रकार कहते हैं-

मूर्खाः यत्र न पूज्यन्ते धान्यं यत्र सुसंचितम्। 
दाम्पत्योः कलहो नास्ति तत्र श्री स्वयमागता॥

इन जगहों पर लक्ष्मी नहीं करतीं वास

जहां होता है मूर्खों और चापलूसों का सम्मान: चाणक्य नीति दर्पण में कहा गया है कि जहां मूर्खों का सम्मान होता है, वहां लक्ष्मी एक पल भी नहीं ठहरती हैं. मूर्ख व्यक्ति की बात पर विश्वास करने वाला हमेशा नुकसान उठाता है. इसलिए यदि लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो मूर्खों और चापलूसी करने वालों की बात पर यकीन न कीजिए. मूर्ख और चापलूस, दोनों तरह के व्यक्ति सही सलाह नहीं देते हैं.

जहां भरा होता है अन्न का भंडार : अचार्य चाणक्य के कहने का मतलब ये है कि खूब मेहनत करके अन्न का संचय करने वाले के यहां लक्ष्मी का वास होता है. इसलिए व्यक्ति को कड़ी मेहनत करनी चाहिए. लक्ष्मी खुद ऐसे घर में आएंगी.

पति-पत्नी के बीच कलह- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस घर में हमेशा पति-पत्नी के बीच कलह रहती है वहां लक्ष्मी का वास नहीं होता. लक्ष्मी को प्रसन्न रखना है तो घर में शांति का वातावरण बनाकर रखें. पति-पत्नी ही नहीं, किसी से भी लड़ाई-झगड़े न करें. लक्ष्मी का आशीर्वाद हमेशा बना रखेगा.

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