तापस सन्याल
भिलाई :- गुरु घासीदास कला एवं साहित्य विकास समिति गनियारी के तत्वाधान में दो दिवसीय गनियारी लोक कला महोत्सव का आयोजन 11 एवं 12 फरवरी को किया जाएगा। आयोजन समिति अध्यक्ष एवं नगर निगम भिलाई चरोदा के महापौर श्री निर्मल कोसरे ने बताया कि गनियारी लोक कला महोत्सव के आयोजन विगत 13 वर्षो किया जा रहा है , इस महोत्सव में छत्तीसगढ़ के अलावा असम, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा एवं उत्तर प्रदेश के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।
महोत्सव की शुरुआत 11 फरवरी को सुबह 10:00 बजे से होगी जिसमें दुर्ग जिले के सतनाम के संदेश चौका पार्टी, कबीरधाम से रामदास मानस परिवार बंदौरा, बालोद जिला से रामधुनी जय मां शारदा रामधुनी भैंसबोड, रायपुर से सत्यम पंथी दल धुसेरा, बेमेतरा से लोरिक चंदा नाट्य कला मंच देऊरगांव, खैरागढ़ से नाचा- गम्मत शीत बसंत नाच पार्टी करमतरा के अलावा *असम से बिहू, तेलंगाना से गुड़ासी नृत्य, मध्यप्रदेश से बधाई नृत्य, महाराष्ट्र मुंबई से लावणी, कर्नाटक से ढोल नृत्य, उड़ीसा से गोटी पुवा नृत्य, उत्तर प्रदेश मथुरा से मयूर नृत्य, छत्तीसगढ़ नारायणपुर से गौर माढिया एवं रात्रि कालीन लोक संगीत धरोहर महादेव हिरवानी* की प्रस्तुति होगी।
द्वितीय दिवस 12 फरवरी को दुर्ग से पंडवानी श्री कृष्ण किंग कर मंडली पाहंदा , राजनांदगांव से राऊत नाच जय राधा कृष्ण मंडली खजरी, जस झांकी धन डोंगरी, बिलासपुर से रेखा देवार एवं साथी देवार करमा नृत्य, सुश्री अमृता वार्ड एवं साथी भिलाई द्वारा भरथरी , सत्संग बालिका पंथी पार्टी निकुम, हास्य प्रसंग कचरा-बोदरा उर्वशी साहू एवं उपासना वैष्णव , उड़ीसा से संबलपुरी नृत्य, कर्नाटक से ढोलु कुनिथा नृत्य, उत्तर प्रदेश से ब्रज की होली, आंध्र प्रदेश से आदिवासी नृत्य, मध्य प्रदेश से गुदुम बाजा, तेलंगाना गुडासी आदिवासी नृत्य, असम से बिहू, महाराष्ट्र से लावणी, छत्तीसगढ़ से आदिवासी गेड़ी नृत्य एवं रात्रिकालीन संजय सुरीला नाइट सरगुजा की प्रस्तुति होगी।
12 फरवरी को विभिन्न विभूतियों का सम्मान होगा जिसमें पद्म विभूषण डॉ तीजन बाई, पद्मश्री डॉ आर एस बारले, सुश्री अमृता बारले, लोक गायक सुनील सोनी, प्रियंवदा रामटेके, लोक कलाकार दिनेश जांगड़े, डॉ सीबीएस बंजारे, गीता बंजारे, लीलाधर सिंह वर्मा, दिनेश चतुर्वेदी एवं गोपाल बेतावर, सहायक संचालक का सम्मान किया जाएगा।