रायपुर वॉच

नान घोटाला रमन सिंह के दामन पर लगे काला धब्बा भाजपाई झूठ बोलकर सच्चाई नहीं छुपा सकते -कांग्रेस

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राजेश मूणत की पत्रकार वार्ता पर कांग्रेस का जवाब

धरमलाल कौशिक किसको बचाने नान घोटाले की एसआईटी जांच पर स्टे लेने कोर्ट गये थे?

रायपुर। नान घोटाला रमन सिंह के दामन पर लगा वह दाग है जिसे राजेश मूणत और भाजपाई झूठ बोलकर साफ नहीं कर सकते। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नान घोटाले में रमन सिंह उनके परिजनों के संलिप्त होने के आरोप उनके मुख्यमंत्री रहते लग गया था। नान घोटाला कांग्रेस सरकार बनने के पहले रमन सरकार के समय उजागर हुआ था जिसमें गरीबों के राशन में डाका डालकर 36000 करोड़ का घोटाला किया गया था। नान घोटाले की प्रमुख साक्ष्य नान डायरी थी रमन सरकार के समय ही जब्त हुई थी जिसमें घोटाले के सूत्रधारों का उल्लेख था। सीएम मैडम, सीएम सर, ऐश्वर्या रेसीडेंसी वाली मैडम जैसी प्रविष्टियां नान डायरी में उजागर हुई। जिसमें तत्कालीन सीएम मैडम के बचाव में खुद रमन सिंह ने बयान दिया था यह चिंतामणी चंद्राकर है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नान घोटाले को तथाकथित मीडिया रिपोर्ट के आधार पर षड़यंत्र बताकर भाजपाई रमन सिंह के घोटाले पर धुंध डालने की कोशिश में लगे है। यदि नान में रमन सिंह एंड कंपनी निर्दोष थी तो तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक नान घोटाले की जांच के लिये बनाई गयी एसआईटी की जांच को रोकने हाईकोर्ट में पीआईएल लगाने क्यों गये थे? कौशिक को किस बात का डर था जो एसआईटी की जांच पर स्टे लेकर आये थे? घोटाले की जांच रोकने के लिए जनहित याचिका भाजपाई क्यों लगाए ?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सारा प्रदेश जानता है 36000 करोड़ का नान घोटाला रमन सिंह के कार्यकाल में हुआ है। नान घोटाले का पर्दाफाश भी रमन के कार्यकाल में हुआ था। रमन सरकार के दौरान चार्जशीट भी दाखिल हुआ। चार्जशीट में सीएम मैडम, ऐश्वर्या रेसीडेंसी वाली मैडम, सीएम सर जैसे शब्दों पर कुछ क्यों नहीं किया गया? उनके ही अधीन अधिकारियों ने नान डायरी को जब्त किया था। नान दफ्तर में रुपये जब्त किया था, रमन के कार्यकाल में ही मुकदमा दर्ज हुआ। नान घोटाले के समय सीएम मैडम कौन थी? ऐश्वर्या रेसीडेंसी में कौन रहता था किसी से छिपा नहीं है। नान ही क्यों रमन सिंह तो अंतागढ़, डीकेएस, पनामा पेपर में भी आरोपी है। उसका भी उन्हें जवाब देना है।

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