(दिलीप पाण्डेय)
छत्तीसगढ़ वॉच ब्यूरो/मनेन्द्रगढ़ वन मण्डल लंबे समय से परिक्षेत्र अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है।रेंजरों की कमी की वजह से अधिकांश परिक्षेत्रो में डिप्टी रेंजर ही परिक्षेत्र अधिकारी की कुर्सी का मजा लेते रहे है,लेकिन अभी हाल ही में कई डिप्टी रेंजर पदोन्नति उपरांत परिक्षेत्र अधिकारी बने और नई पदस्थापना आदेश जारी हुई।इसके पूर्व मनेन्द्रगढ़ वनमण्डल के पांच रेंज में डिप्टी रेंजर ही रेन्जर के आसन पर विराजमान थे,नई पदस्थापना आदेश के मुताबिक वर्तमान में इस वनमण्डल में एक बहरासी रेंज ही है जहाँ वर्षों से डिप्टी रेंजर ही रेंज के प्रभार पर है,जो अब भी बरकरार है।
वर्तमान में मनेन्द्रगढ़ वनमंडल अंतर्गत कुल छः वन परिक्षेत्र है, जिसमे मनेन्द्रगढ़ परिक्षेत्र में एक पुर्व प्रभारी रेंजर ने काफी लंबे समय तक रेन्जर की पारी खेल करोड़ो का वारा-न्यारा किया,फिर भी सेवानिवृत्त के महज 15 दिन पहले प्रमोशन पर रेन्जर बनने का उनका सपना साकार हुआ।मनेन्द्रगढ़ मुख्यालय में ही एक और परिक्षेत्र कार्यालय संचालित है विहारपुर,यह परिक्षेत्र भी कई सालों तक डिप्टी रेंजरों के पाले रहने के बाद अब कही जाकर प्रभारवाद से मुक्त हुआ।बिहारपुर परिक्षेत्र में भी प्रभारी रेंजर के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार की कहानी लम्बी है,परन्तु जाँच के अभाव में सब दोषमुक्त और पाक साफ है।
अखबारों की सुर्खियों में रहने वाले मनेन्द्रगढ़ वन परिक्षेत्र में भ्रष्ट डिप्टी रेन्जर जो रिटायरमेंट के पूर्व रेन्जर बने,उनके स्थान पर अब वन मंडल के ही केल्हारी रेन्जर को मनेन्द्रगढ़ रेंज का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।केल्हारी के रेन्जर रामसागर कुर्रे के पास अब दो रेंज के अलावा मनेन्द्रगढ़ स्थित काष्ठागार का अतिरिक्त प्रभार भी है इस हिसाब से एक रेन्जर को पास तीन तीन जगह का प्रभार दिया जा रहा है, तो आप अनुमान लगा सकते है कि मनेंद्रगढ़ में रेन्जर की कमी कितनी है।वैसे भी केल्हारी परिक्षेत्र में इन दिनों वनों की अंधाधुंध कटाई किसी से छूपी नही है, तो फिर आप वहां अतिक्रमण की बात से इंकार कैसे कर सकते है,क्योंकि अखबारों में जब अतिक्रमण की खबर छपती है दूसरे दिन ही अधिकारी उन्हें बेदखल करने का ढोंग कर वाहवाही लूटते नजर आते है,जबकि हकीकत अब भी जस का तस है।
चुनौती से कम नही है रेन्जर रामसागर कुर्रे के लिए तीन-तीन जगह का प्रभार
भ्रष्ट्राचार का गढ़ बन चुका मनेन्द्रगढ़ परिक्षेत्र कभी प्रभार तो अब अतिरिक्त प्रभार के भरोसे पर है।इस रेंज के वर्तमान रेन्जर रामसागर कुर्रे जो पहले से केल्हारी में रेन्ज में पदस्थ है उन्हें यहां का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है,मनेन्द्रगढ़ और केल्हारी कि दूरी भी काफी है, केल्हारी रेंज में अवैध कटाई, अतिक्रमण और अनियमितता चरम पर है,जिन्हें रोक पाने में रेंजर साहब शायद सक्षम नही है, ऐसे में उन्हें एक ऐसे रेंज का अतिरिक्त प्रभार और दे दिया गया जहां करोड़ो के भ्रष्टाचार का खेल पहले ही हो चुका है,खबर तो यह भी है कि रेंजर साहब मुख्यालय से लगभग नदारद ही रहते है, वजह उनका बैकुंठपुर से आना-जाना हो सकता है, ऊपर से देर शाम तक विभागीय मीटिंग,दो -दो रेंज का जिम्मा,काष्ठागार का भी बोझ,कुल मिलाकर यह कह सकते है कि परिक्षेत्र अधिकारी रामसागर कुर्रे के लिए फ़िलहाल का समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है।