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उप संचालक कृषि भ्रष्टाचार मामले में अब तक नहीं हुई कार्रवाई, फर्जी तरीके से किया था करोड़ों रुपए का गमन

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बलरामपुर (आफताब आलम)। बलरामपुर जिले के तत्कालीन उप संचालक कृषि के संबंध में सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के शंकरगढ़ कुसमी क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना लघुत्तम सिंचाई तालाब एवं चेक डैम निर्माण का कार्य कागजों पर कराते हुए करोड़ो रुपए का हरण कर कार्य पूर्ण बता दिया गया था, शायद इसलिए भाजपा शासनकाल में रामानुजगंज सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी को भ्रष्टाचार करने के लिए ही प्रभारी उप संचालक कृषि बलरामपुर का दिया गया था।
जिले में कराए गए कार्यों की सूची शिकायत कर्ताओं ने अपनी शिकायत में कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है, कि ग्राम लवकुसपुर में वर्ष 2008-09 में लघुत्तम सिंचाई तालाब का लागत 30लाख 96 हजार की स्वीकृति मिली थी, और बगैर निर्माण कार्य कराए ही राशि आहरण कर लिया गय, ग्राम लडुआ में लघुत्तम सिंचाई तालाब निर्माण कार्य वर्ष 2017-18 में कराया गया है, जिसमें ना तो पानी आने का स्रोत है, और ना ही कैचमेंट है,जोका पाठ के ग्राम देवसरा कला में लघुत्तम सिंचाई तालाब निर्माण के लिए वर्ष 2018-19 में 39 लाख 98 हजार रुपए स्वीकृत कराया गया, लेकिन लघुत्तम सिंचाई तालाब का निर्माण नहीं कराया गया, और फर्जी तरीके से पूरा पैसा निकाल कर भ्रष्टाचार किया गया है।
वही मुनेश्वरपुर में 40 लाख की लागत से लघुत्तम सिंचाई तालाब का निर्माण कराया गया है, जो कि उपयोगहीन है, घरघोरी में निर्माण कराया गया चेक डैम उपयोगहीन है, ग्राम लड़कुड़ में दो लघुत्तम सिंचाई तालाब स्वीकृत हुई थी, जिसमें से एक ही लघुत्तम तालाब निर्माण कराया गया है, और एक केवल कागजों में ही तैयार कर तालाब का पैसा 39 लाख 74 हजार रुपये फर्जी तरीके से आहरण कर लिया गया है, तत्कालीन उप संचालक कृषि की शिकायत की गई थी परन्तु उच्च अधिकारी द्वारा इस भ्रष्टाचार पर कोई संज्ञान नह लिया गया,और ना ही किसी के द्वारा इस पर कोई जांच कर कार्रवाई की गई।
अब देखने वाली बात है, की क्या खबर प्रकाशन के बाद भी कृषि विभाग के उच्च अधिकारी एवं कृषि मंत्री मामले का संज्ञान लेते हुए कोई जांच कर कार्यवाही भी करा पाता है या नहीं।

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