नई दिल्ली। बिलकिस बानो ने गोधरा दंगों के दौरान सामूहिक दुष्कर्म और परिवार के सदस्यों की हत्या करने वाले 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है।
बिलकिस बानो के वकील ने लिस्टिंग के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। इस दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि वह इस मुद्दे की जांच करेंगे कि क्या दोनों याचिकाओं को एक साथ सुना जा सकता है और क्या उन्हें एक ही बेंच के सामने सुना जा सकता है?
इससे पहले भी दो याचिकाएं दायर
बिलकिस बानो केस में इससे पहले भी दो याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। मुख्य याचिका के बाद 21 अक्तूबर को एक महिला संगठन की ओर से भी याचिका दायर की गई थी। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने यह याचिका भी मुख्य याचिका के साथ जोड़ दी। दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की जाएगी। शीर्ष कोर्ट ‘नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वूमन’ द्वारा दायर एक याचिका पर पहले से सुनवाई कर रही है। इसमें सजा की छूट और मामले में दोषियों की रिहाई को चुनौती दी गई है।