नवागढ़ संजय महिलांग
नवागढ़ ब्लाक मुख्यालय के अंतिम छोर में बसे ग्राम ठेंगाभाठ में स्वास्थ्यगत जरूरतों को देखते हुए वहाँ उपस्वास्थ्य केन्द्र निर्धारित समय में प्रतिदिन खुलना चाहिये. वर्तमान में यहाँ उपस्वास्थ्य केन्द्र तो है लेकिन दर्शन मात्र का. ग्रामीणों ने बताया कि संसदीय सचिव गुरुदयाल सिह बंजारे के करकमलो से जब लोकार्पण हुआ तो लगा कि अब उन्हें अपने गांव में ही प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मिलेगी, लेकिन अस्पताल में एक भी डॉक्टर या स्टाफ नही होने के कारण उनका सपना पूरा नही हो सका है. सपना को पूरा करने इस स्वास्थ्य केन्द्र को डाँक्टर की तलाश है. क्षेत्र की दौरे पर गई जिला पंचायत सभापति बिंदिया अश्वनी मिरे को ग्रामीणों ने बताया कि दरअसल यहाँ पर 22 साल में अस्पताल भवन तो बन गया है जिसका लोकार्पण क्षेत्रीय विधायक द्वारा गत 16 जून को कर दिया गया है मगर भौतिक संसाधन बेड, टेबल कुर्सी आवश्यक उपकरण के साथ यहाँ के स्टाफ मे एक भी डॉक्टर या स्वास्थ्य कार्यकर्ता नही होने के कारण अस्पताल 24 घंटे बंद रहता है, और लोगों की इलाज नही हो पाता है, यहाँ पहले एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता श्री मती खिलेश्वरी साहू पदस्थ थी वे भी अपने गृह ग्राम बाघुल में पोस्टिग करा ली है. गौरतलब है कि एक स्वास्थ्य केन्द्र में प्राथमिक इलाज कराने के साथ ही महिने में कम से कम तीन डिलीवरी कराना टारगेट में शामिल है, वे भी ठप्प पडा है.
ग्रामीणो को पता नही की कोई अस्पताल है : ठेंगाभाठ, करमन, अमलीडीह, अडबंधा, बिरमपुर, बोहारडीह सहित आस पास के ग्रामीणों को यह भी मालुम नही है कि ठेगाभाठ में अस्पताल भी है उन्हे पुछने पर नवागढ स्थित पीएचसी का नाम लेते है या प्राइवेट में गायत्री अपस्ताल की ओर रुख कर इलाज कराते है.
झोला छाप डाक्टरों से सहारे ग्रामीण : उपस्वास्थ्य केन्द्र मे ताला लगा होने के कारण ग्रामीणों को झोला छाप डाक्टरों के सहारे रहकर इलाज कराना पड रहा है, गांवों में दर्जनों की संख्या मे ऐसे डॉक्टर सक्रिय है. सरकारी अस्पताल के बंद रहने से इनकी बल्ले बल्ले है ऐसा नही है कि ग्रामीण इनके इलाज से संतुष्ट है. मगर इमरजेंसी में यहाँ के यही भगवान है. इलाज एवं स्टाफ के साथ साथ टीकाकरण, डिलीवरी सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधा मिलने की ग्रामीणजन बाट जोह रहे है