नई दिल्ली: कांग्रेस नेता उदित राज ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने एक ट्वीट करके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘चमचागीरी’ शब्द का इस्तेमाल किया, जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें घेरा है. बीजेपी का कहना है कि इससे पता चलता है कि कांग्रेस किस तरह से आदिवासियों के विरोध में खड़ी है. उदित राज के ट्वीट पर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने नोटिस जारी किया है.
कांग्रेस नेता उदित राज (Udit Raj) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर विवादित ट्वीट किया है और कहा है कि ऐसी राष्ट्रपति किसी देश को ना मिले. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले. चमचागिरी की भी हद्द है. कहती हैं 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं. खुद नमक खाकर जिंदगी जिएं तो पता लगेगा. द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। चमचागिरी की भी हद्द है । कहती हैं 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं । खुद नमक खाकर ज़िंदगी जिएँ तो पता लगेगा।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भेजा नोटिस
उदित राज के ट्वीट पर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने नोटिस जारी किया है. NCW ने उन्हें अपने बयान पर माफी मांगने के लिए कहा है. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट किया, ‘देश की सर्वोच्च शक्ति और अपनी कड़ी मेहनत से इस मुकाम तक पहुंचीं महिला के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बयान. उदित राज को अपने अपमानजनक और अपमानजनक बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए. @एनसीडब्ल्यूइंडिया उन्हें नोटिस भेज रहा है.
उदित राज ने दी सफाई
इधर, विवाद बढ़ने के बाद उदित राज ने एक और ट्वीट कर सफाई दी है. उदित राज ने लिखा- ‘द्रौपदी मुर्मू जी से कोई दुबे, तिवारी, अग्रवाल, गोयल, राजपूत मेरे जैसा सवाल करता तो पद की गरिमा गिरती. हम दलित-आदिवासी आलोचना करेगें और इनके लिए लड़ेंगे भी. हमारे प्रतिनिधि बनकर जाते हैं फिर गूंगे-बहरे बन जाते हैं.’ एक और ट्वीट में कांग्रेस नेता ने लिखा, ‘द्रौपदी मुर्मू जी का राष्ट्रपती के तौर पर पूरा सम्मान है. वो दलित – आदिवासी की प्रतिनिधि भी हैं और इन्हें आधिकार है अपने हिस्से का सवाल करना. इसे राष्ट्रपति पद से न जोड़ा जाए.’
यह पहला मौका नहीं है, जब उदित राज (Udit Raj) ने द्रौपदी मुर्मू को लेकर विवादित बयान दिया है. एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद भी उदित राज ने द्रौपदी मुर्मू को लेकर विवादित बयान दिया था. उस समय उन्होंने कहा था, ‘जाति देखकर खुश न होना. कोविंद जी राष्ट्रपति बने तो दलित खुश हुए और भला एक चपरासी का नहीं कर पाए.’
बीजेपी ने जताई आपत्ति
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने उदित राज के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब उदित राज ने इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया. यह उनकी आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. उदित राज के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा है कि सर्वोच्च पद का अपमान कांग्रेस का चरित्र है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘अजय कुमार द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बुरा कहने के बाद और अधीर रंजन चौधरी ने ‘राष्ट्रपति’ शब्द का इस्तेमाल किया. अब कांग्रेस और निचले स्तर पर पहुंच गई है. पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति के लिए उदित राज ने अस्वीकार्य भाषा का इस्तेमाल किया. क्या कांग्रेस आदिवासी समाज के इस अपमान का समर्थन करती है.’
राष्ट्रपति मुर्मू ने क्या कहा था?
राष्ट्रपति मुर्मू 4 अक्टूबर को गुजरात के गांधीनगर में एक कार्यक्रम में शामिल हुई थीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में 76 प्रतिशत नमक का उत्पादन गुजरात करता है और यह कहा जा सकता है कि राज्य द्वारा उत्पादित नमक सभी भारतीयों द्वारा खाया जाता है. उन्होंने इस दौरान गुजरात मॉडल की भी तारीफ की. मुर्मू ने कहा- ‘प्रधानमंत्री मोदी गुजरात की प्रगतिशील एवं समावेशी संस्कृति के आदर्श प्रतिनिधि हैं.’
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी राष्ट्रपति के लिए विवादास्पद बयान दिया था. 27 जुलाई को दिल्ली के विजय चौक पर प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी राष्ट्रपति मुर्मू को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. अधीर ने मुलाकात के लिए समय नहीं देने पर मुर्मू को राष्ट्रपत्नी कह दिया. हालांकि, विवाद होने के बाद उन्होंने लेटर लिखकर माफी मांगी थी.