रायपुर वॉच

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी 304.60 लाख के सड़क की गुणवत्ता की खुली पोल, 7.400 किलोमीटर के इस सड़क में जगह-जगह दिखने लगी भ्रष्टाचार की दरारें

Share this

देवभोग. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कों में गड़बड़ी का मामला गाहे-बगाहे सामने आता रहता है। ताजा मामला कोदोबेड़ा से लेकर केंन्दुबंद सीमा तक जाने वाली सड़क का है। साल भर के अंदर ही सड़क दरकने लगी है, और सड़क में भ्रष्टाचार इस कदर दिखने लगा है कि डामर उखड़कर अलग हो गया है ।

यहां बताना लाजमी होगा कि पीएमजीएसवाई के तहत निर्मित इस सड़क में कई जगह दरार पड़ गई हैं, वहीं 07.400 किलोमीटर की इस सड़क में कई जगहों पर सड़क दबने भी लगा हैं….ग्रामीणों के मुताबिक यह सड़क निर्माण के महज सात महीने में ही दरकने लगी थी । इससे स्थानीय लोग सड़क की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े कर रहे थे, लेकिन जिम्मेदारों ने गुणवत्ता पर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा । विदित हो कि करीब 07.400 किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गत वर्ष 2021 में 304.60 लाख की लागत से तैयार किया गया था। योजना की कार्यकारी एजेंसी ग्रामीण विकास विभाग है,जबकि ठेकेदार मेसस डी. के इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन रायपुर हैं । ग्रामीणों के मुताबिक निर्माण के छह-सात महीने बाद ही यह सड़क टांडीपारा के समीप जगह-जगह दरकने लगी थी । इतनी कम अवधि में सड़क में दरारे दिखने से ग्रामीणों में रोष देखा जा रहा है।

पीएम सड़कों में गुणवत्ता का नहीं रखा जा रहा ध्यान -: साल भर पहले बनाई गई इस पीएम सड़क में भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया हैं.. क्षेत्र में बनी अधिकांश पीएम सड़कों का हालत खराब स्थिति में है। इन सड़कों का निर्माण हुए मात्र सात से नौ महीने ही हुए हैं। लेकिन, सड़कों में जगह-जगह पड़ी दरारें इस बात की गवाह है कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता और इस्टीमेट का कितना ध्यान रखा गया है। सड़कों के निर्माण में विभाग के जिम्मेदार अधिकारीयों द्वारा शुरु से ही मेटेरियल की जांच न करने का खमियाजा आज स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

जनपद सदस्य ने स्तरहीन मटेरियल के उपयोग का लगाया आरोप-: जनपद सदस्य असलम मेमन ने सड़क निर्माण के दौरान घटिया और स्तरहीन मटेरियल के उपयोग का आरोप लगाया है… मेमन के मुताबिक सड़क निर्माण के दौरान कई बार उन्होंने भी ठेकेदार से चर्चा कर गुणवत्ता को ध्यान में रखकर काम करने को कहा था… लेकिन ठेकेदार ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया… और मनमुताबिक थूकपालिश काम को अंजाम दे दिया…जनपद सदस्य ने कहा कि काम के दौरान ठेकेदार ने सही ढंग से रोलर भी नहीं चलाया, इसी का नतीजा है कि सड़क एक साल के अंदर ही उखड़ गई… और सड़क से डामर उखड़कर अलग हो गया…

मामले में विभाग के एसडीओ बी आर पटेल ने कहा कि बारिश के बाद ठेकेदार को निर्देशित कर सड़क की स्थिति को सुधारा जायेगा…

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *