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छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बदलाव की संभावना नहीं : पी.एल. पुनिया

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रायपुर। कांग्रेस नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बदलाव की किसी संभावना से फिलहाल इनकार कर दिया है। रायपुर पहुंचे AICC के प्रदेश प्रभारी पी.एल. पुनिया ने शनिवार को कहा, उनके यहां बदलाव की कोई संभावना नहीं है। उनका संगठन एकजुट है। पुनिया ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, उनके यहां तो चार साल में चार अध्यक्ष बदल गए।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से आदिवासी समाज के नेता विष्णुदेव साय को हटाकर पिछड़ा वर्ग के अरुण साव को लाने के बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा गर्म थी कि कांग्रेस भी प्रदेश अध्यक्ष बदल सकती है। कहा यह जा रहा था कि ओबीसी केंद्रित राजनीति मेें साहू वोट का ध्रुवीकरण रोकने के लिए कांग्रेस भी साहू समाज से किसी नेता को नेतृत्व सौंप सकती है। लेकिन शनिवार शाम रायपुर पहुंचे प्रदेश प्रभारी पी.एल. पुनिया ने फिलहाल के लिए इन अटकलों पर विराम लगा दिया है।

पुनिया ने कहा, भाजपा में अंतरकलह अभी कितना और बढ़ेगा। वहां केवल अध्यक्ष बदलने से काम नहीं चलेगा, जब तक संगठन उनका साथ ना दे। चार साल में चार अध्यक्ष अगर बदलेंगे तो वहां क्या स्थिति होगी इसका अंदाज आप लगा सकते हैं। उन्होंने कहा, ये लोग जब-जब हारे हैं तब-तब अपना प्रदेश अध्यक्ष बदलें हैं। यहां कांग्रेस में पूरा 200% तालमेल है। तालमेल से काम की वजह से ही जितने भी उपचुनाव हम जीते, पंचायतों के चुनाव हम जीते, नगरीय निकायों के चुनाव हम जीते। पुनिया ने कहा, वे बदलते रहें। कांग्रेस में ऐसा नहीं है। ना ही आगे संभावना है।

गौरव यात्राओं में शामिल होंगे

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पी.एल. पुनिया ने तीन दिन के प्रवास पर रायपुर पहुंचे हैं। वे रविवार को विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में चल रही आजादी की गौरव यात्रा में शामिल होंगे। इसके अलावा 15 अगस्त को रायपुर के गांधी मैदान में आयोजित यात्रा की समापन सभा में भी भाग लेने वाले हैं। कांग्रेस ने 9 अगस्त से 14 अगस्त तक के लिए आजादी की गौरव यात्रा नाम से 75 किमी की पदयात्रा शुरू किया है।

बैठकों का दौर भी चलेगा

पुनिया इन दो दिनों में कांग्रेस की विभिन्न समितियों, मोर्चा-प्रकोष्ठों और पदाधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे। बताया जा रहा है कि भाजपा में नए क्षेत्रीय संगठन मंत्री के आने और प्रदेश अध्यक्ष को बदले जाने के बाद राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आने की संभावना बढ़ी हुई है। ऐसे में कांग्रेस भी अपने सभी मोर्चों को सक्रिय और आक्रामक रखने की कोशिश में जुटी है ताकि भाजपा उनसे बढ़त न ले पाए।

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