अमेठी। यूपी के अमेठी में महिला दरोगा रश्मि यादव ने डायट के प्रवक्ता सुरेन्द्र सिंह की बेवफाई से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में दरोगा रश्मि यादव के पिता मुन्ना लाल यादव की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर प्रवक्ता सुरेन्द्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें 21 अप्रैल 2022 को अमेठी जिले में दरोगा रश्मि यादव ने वर्दी में ही अपने शासकीय आवास में फांसी के फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली थी। रश्मि के पिता मुन्ना लाल के मुताबिक, दरोगा बनने से पहले रश्मि का बहराइच में डायट के प्रवक्ता से जान पहचान हो गई थी। बाद में प्रवक्ता सुरेंद्र रश्मि को परेशान करने लगा। इसके चलते रश्मि का पति से तलाक हो गया था। इसके बाद भी सुरेंद्र ने पीछा नहीं छोड़ा। तंग आकर रश्मि ने सुसाइड कर लिया।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
एसआई रश्मि यादव के पिता मुन्ना लाल यादव के मुताबिक, दाह संस्कार कर घर लौटने के बाद उन्होंने बेटी की मोबाइल रिकॉर्डिंग चेक की तो वे हैरान रह गए। रिकॉर्डिंग सुनकर उन्हें यकीन हो गया कि सुरेंद्र सिंह के परेशान करने के कारण रश्मि ने आत्महत्या की है।
उन्होंने बताया कि रश्मि पहले बहराइच में प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका थी। वहां उसकी पहचान डायट के प्रवक्ता सुरेंद्र सिंह से हो गई थी। सुरेंद्र अलीगढ़ का रहने वाला है। उनके संबंधों की वजह से रश्मि का उसके पति राजेश से तलाक हो गया था। सुरेंद्र सिंह आए दिन रश्मि को फोन कर तरह-तरह के लांछन लगाता रहता था। साथ ही अपमान जनक बातें भी कहता था। रश्मि इसको नजर अंदाज करती रही। लेकिन जब पानी सिर से ऊपर चला गया तो उसने सुसाइड कर लिया। पिता ने बताया कि अपमान जनक शब्दों से आहत होकर रश्मि ने कमरे में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था। सुसाइड से पहले रश्मि ने अपने कमरे में रखे शीशे पर उन शब्दों को लिखा था, जिससे वह परेशान थी।
2017 बैच की उपनिरीक्षक थीं रश्मि यादव
एसआई रश्मि यादव 2017 बैच की उपनिरीक्षक थीं। वह मूलत: लखनऊ की रहने वाली थीं। 21 अप्रैल की दोपहर सीओ तिलोई के साथ मीटिंग की। मीटिंग के बाद रश्मि ने थाने के मुंशी से कहा कि 4 बजे एडिशनल एसपी के साथ मीटिंग है। वह कमरे पर जा रही हैं। मीटिंग के लिए उनको बुला लेना। इसके बाद फोन पर बात करते हुए निकल गईं। मुंशी करीब साढ़े तीन बजे रश्मि को बुलाने गया, तो कमरे का दरवाजा नहीं खुला। फोन करने पर भी कोई जवाब नहीं मिला। उसने मामले की सूचना प्रभारी निरीक्षक व अन्य स्टाफ को दी। मौके पर पहुंची पुलिस कमरे का दरवाजा तोड़ अंदर गई, तो महिला दरोगा का शव दुपट्टा के सहारे लटकता मिला था।
2018 में अमेठी में हुई थी तैनाती
2017 बैच की दरोगा रश्मि यादव 2018 में जिले में तैनात हुई थीं। वह गौरीगंज कोतवाली में लगभग दो साल तक रहीं। कस्बे की इंचार्ज रहने के साथ ही मिशन शक्ति अभियान शुरू होने के बाद उन्होंने महिला हेल्प डेस्क प्रभारी की जिम्मेदारी निभाई थी। कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने को लेकर वह चर्चा में आई थीं। मार्च 2021 से वह मोहनगंज कोतवाली परिसर में स्थापित रिपोर्टिंग महिला पुलिस चौकी प्रभारी के रूप में महिलाओं की शिकायतें व समस्यायें सुना करती थीं।
अखिलेश यादव ने खड़ा किया था सवाल
दरोगा रश्मि यादव की आत्महत्या के मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सवाल खड़ा किया था। उन्होंने मामले में अगड़ा बनाम पिछड़ा का मुद्दा बनाते हुए ऊंची जाति के अफसरों पर पिछड़ी जाति के महिला दरोगा का उत्पीडऩ करने का मामला उछाला था।