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कम होने का नाम नहीं ले रही बीजेपी की मुश्किलें…पार्टी से खफा होते बड़े चेहरे…कमजोर हो रही भाजपा

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● 2023 और 2024 में भूपेश से राहुल तक कैसे मुकाबला करेगी भाजपा

बालोद। जिले में भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आरोप प्रत्यारोप के बीच दल्लीराजहरा मंडल के कई नेता और पदाधिकारी अपना पद त्यागने की अर्जी लगा चुके हैं, मंडल अध्यक्ष गोविंद वाधवानी का इस्तीफा स्वीकार भी हो गया है। अब अनुसूचित जाति वर्ग से पार्टी के नेता व पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष सेवक महिपाल के तेवर ने पार्टी को परेशान कर रखा हैं। संगठन के भीतर चल रहे पावर गेम से जिले की भाजपा पिछड़ते दिखाई दे रही है और अब पार्टी के लिए अपने नेताओं को बचाए रखना ही चुनौती हो गया है। गौरतलब हो कि सतनामी समाज के नेता सेवक महिपाल को मंडल के महामंत्री पद से हटा दिया है। महिपाल गुंडरदेही भाजपा मंडल के महामंत्री थे। लेकिन जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार ने सेवक महिपाल को हटाकर सौरभ चोपड़ा को मंडल का महामंत्री बना दिया। इस पर सेवक महिपाल का गुस्सा फूट पड़ा है। उन्होंने कहा है कि जो हुआ वह भाजपा के संविधान के खिलाफ हुआ। सलाहकार से सलाह लेने में जिलाध्यक्ष भूल गए कि पार्टी संविधान से चलती है और भाजपा का संविधान कहता है कि किसी के आड़ में पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते।

जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाही की मांग ●

सेवक महिपाल को हटाए जाने के बाद समाज के लोगों ने भी कड़ी नाराजगी जताई है। मामले को लेकर पार्टी के आला नेताओ से मुलाकात कर जिलाध्यक्ष, पूर्व जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाही की मांग की गई है। जिसके बाद जिले की राजनीति में फिर हलचल बढ़ गई है। बेहद दिलचस्प बात है कि अविश्वास प्रस्ताव के नाम पर कांग्रेस के साथ गठजोड़ का सिलसिला जारी है, जिले के नेता पार्टी के पार्षदों को भले ही नहीं रोक पा रही हो पर इसके आड़ में खासमखास को पद से नवाजने में जरूर कामयाब हो रही है।

दुविधा में भाजपा, कई बड़े समाज चल रहे नाराज

छत्तीसगढ़ में अगले साल दिसंबर महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। यानी चुनाव के लिए सिर्फ़ डेढ़ साल बचे हैं और भारतीय जनता पार्टी के सामने अब दुविधा ये है कि वह नाराज़ चल रहे आदिवासी, यादव, साहू और अनुसूचित जाति वोटरों के बीच बैलेंस कैसे बनाए रखे। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इससे भाजपा की परेशानी ज़रूर बढ़ेगी।

अविश्वास प्रस्ताव से जुड़ा है मामला

बता दे कि नगर पंचायत गुंडरदेही के भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस के साथ मिलकर अध्यक्ष रानू सोनकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है। हालांकि मामले में अभी हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है। अविश्वास प्रस्ताव लाने में भाजपा मंडल उपाध्यक्ष एवं पार्षद हरीश निषाद, किसान मोर्चा अध्यक्ष एवं पार्षद टीकाराम निषाद, किसान मोर्चा जिला मंत्री एवं पार्षद विजय सोनकर, पार्षद संतोष नेताम, संतोषी साहू एवं कुलेश्वरी महिपाल शामिल है।

पार्षदों ने लाया अविश्वास प्रस्ताव, मेरा क्या गुनाह ●

सेवक महिपाल को हटाने के पीछे कारण नगर पंचायत के अविश्वास प्रस्ताव में उनकी पार्षद पत्नी का शामिल होना बताया जा रहा है। जिसके चलते उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। महिपाल का कहना है कि पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया इसमें मेरा क्या गुनाह। हस्ताक्षर सत्यापन के पहले पार्षदों और पूर्व जिलाध्यक्ष लेखराम साहू की बैठक हुई। जिसमें नगर पंचायत अध्यक्ष को हटाने पर सहमति बनी। बैठक में 25 हजार रुपए नगद का लेनदेन भी हुआ। महिपाल का कहना है कि पूर्व जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष के कहने पर ही गुंडरदेही नगर पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव आया है।

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