जांजगीर चांपा। बोरवेल में फंसे बच्चे राहुल को बचाने (save rahul) बिलासपुर से ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई, जिससे पत्थर और चट्टान को काट कर सुरंग का रास्ता तैयार किया जा रहा है। रेस्क्यू दल भीषण गर्मी व धूप की परवाह न करते हुए अपने काम को अंजाम दे रहा। कर्मचारियों द्वारा वेंटिलेटर और स्मोक फ़िल्टर लगाकर लगाकर डस्ट कंट्रोल किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पत्थर ही पत्थर है जो काम की गति को बहुत स्पीड से होने नही दे रहा। रेस्क्यू दल (rescue team) भी पूरी कोशिश कर रहा है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। जांजगीर जिले के जांजगीर-चांपा जिले के पिहरिद गांव में एक खुले बोरवेल में 10 साल का बच्चा गिर गया है। राहुल साहू नामक इस बच्चे को बचाने के लिए पिछले करीब 70 घंटे से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। शासन-प्रशासन, पुलिस के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम बच्चे को बचाने में जुटी हुई हैं। जैसे-जैसे रेस्क्यू का समय बढ़ रहा है परिवार वालों की बेचैनी बढ़ रही है। बीते शुक्रवार की दोपहर करीब 3 बजे बच्चे के बोरवेल में गिरने की सूचना प्रशासन को मिली थी। इसके कुछ देर बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) बोरवेल में फंसे राहुल को बाहर लाने के लिए स्वयं पल -पल की जानकारी ले रहे हैं और जिला प्रशासन को भी राहुल को सकुशल बाहर निकालने के निर्देश दिए हुए हैं। उन्होंने राहुल के परिजनों से भी बात कर ढांढस बंधाया है।
कलेक्टर ने रेस्क्यू अभियान भी बीती रात से शुरू कराया है। अभियान सही दिशा में चल भी रहा है। सुरंग बनाकर राहुल तक पहुँचने टीम लगी भी है,लेकिन राह में आया चट्टान कुछ समय के लिए अभियान की गति को धीमी कर गया। बहुत ही रिस्की क्षेत्र होने और कम्पन से राहुल के प्रभावित होने की आशंकाओं की वजह से चट्टान को तोड़ने भारी भरकम मशीन नहीं लगाई गई है, लेकिन फिर भी एक अन्य ड्रिलिंग मशीन मंगाकर राहुल को बचाने टीम जोर शोर से सक्रिय हो गई है। राहुल को बचाने के लिए हर सम्भव कोशिश हो रही है। लेकिन यह भी सच है कि हजारों बार कोशिश कर चुके टीम के सदस्यों की बातें काश राहुल यदि ठीक से समझ पाता तो यह राहुल कब का बाहर आकर अपने भाइयों के साथ खेलता-कूदता रहता।