एड्स से बचाव एवं इसके रोकथाम के लिए चलाए जाएंगे जागरूकता अभियान, निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने जल जनित बीमारियों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली, डेंगू, मलेरिया से बचाव के लिए भी किए जाएंगे बेहतर उपाय
भिलाई नगर/ महापौर नीरज पाल के निर्देश पर भिलाई निगम क्षेत्र में विभिन्न बीमारियों के खतरे को देखते हुए इसके रोकथाम एवं नियंत्रण के उपाय किए जा रहे हैं। नगर पालिक निगम भिलाई के सभागार में निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने स्वास्थ्य विभाग के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। जिसमें भिलाई के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तथा निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे। भिलाई निगम क्षेत्र में एचआईवी से बचाव एवं रोकथाम तथा मौसमी जल जनित बीमारियां उल्टी, दस्त, पीलिया, टाइफाइड तथा राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग डेंगू, मलेरिया से बचाव एवं इसके रोकथाम तथा नियंत्रण के लिए बैठक में रणनीति तैयार की गई। इन सभी के रोकथाम के लिए जन जागरूकता अभियान सहित फील्ड पर विशेष अभियान स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से चलाया जाएगा। बैठक में प्रमुख रूप से अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी, सुपेला शास्त्री अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक डॉक्टर पीएम सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा, जोन स्वास्थ्य अधिकारी वीके सैमुअल, महेश पांडे, अंकित सक्सेना, सुदामा परघनिया एवं अनिल मिश्रा, सीपीएम तुषार वर्मा, भारती एवं अनिल, राजेश पालवे आदि मौजूद रहे।
डेंगू से फाइट के लिए निगम की टीम तैयार, 2 महीने पहले से तैयारी* डेंगू से लड़ने के लिए निगम ने पूरी तैयारी कर ली है। विगत 2 महीनों से इसके लिए अभियान चलाना भी प्रारंभ हो गया है। अप्रैल एवं मई माह की बात करें तो 6645 घरों का सर्वेक्षण किया जा चुका है, 7931 घरों के कूलर, कंटेनर एवं पात्रों की जांच की गई है। 390 घरों से कूलर, टंकी और कंटेनर खाली कराए गए हैं। मेलाथियान का छिड़काव किया जा रहा है। 1820 घरों के कूलर में टेमीफास का छिड़काव किया जा चुका है। 5921 घरों में लू से बचाव के लिए तथा 2690 घरों में डेंगू एवं पीलिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने पॉम्पलेट का वितरण किया गया है।
जल जनित बीमारियों के लिए तैयार हुआ रोस्टर वार्ड क्षेत्रों में चलेगा अभियान* जल जनित बीमारी पीलिया एवं राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग मलेरिया के लिए भी भिलाई निगम क्षेत्र में अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए तिथि वार रोस्टर तैयार कर लिया गया है। 1 जून से इसकी शुरुआत हो चुकी है। शेड्यूल के मुताबिक वार्ड छेत्रो का सर्वे भी किया जाएगा। उल्टी, दस्त, बुखार, पीलिया से प्रभावित व्यक्तियों का सर्वेक्षण प्रतिवेदन भी तैयार होगा।