रायपुर वॉच

तूल पकड़ रहा है जीएनए पीजी कॉलेज भाटापारा में घोटाले का मामला

Share this

हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने शिकायतकर्ता ने डाक से भेजा पत्र

रायपुर। गजानंद अग्रवाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय भाटापारा में करोड़ों का घोटाला किए जाने का मामला अब दिन प्रतिदिन गहराता जा रहा है। जहां इस मामले की पहले ही उच्चशिक्षा विभाग में शिकायत और भाटापारा थाने में जन भागीदारी समिति द्वारा शिकायत कर कार्यवाही की माांग किया जा चुका है, वहीं अब इस मामले में शिकायतकर्ता लालबहादूर यादव ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट बिलासपुर में जनहित याचिका दायर करने डाक के माध्यम से पत्र भेजा है। अब देखना यह है कि क्या माननीय न्यायालय इस मामले पर जनहित याचिका को स्वीकार करता है या नहीं। बहरहाल यह मामला विभागीय स्तर पर अनसुलझा हुआ है।

Chhattisgarh Crimes

गौरतलब हो कि शिकायतकर्ता भाटापारा निवासी लालबहादूर यादव ने पूर्व प्रभारी प्राचार्य एवं सहायक प्राध्यापक डॉ. निशा शर्मा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने भारतीय संविधान अनुच्छेद 226 के अंतर्गत शासकीय गजानंद अग्रवाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय भाटापारा में प्रभारी प्राचार्य के पद पर रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग एवं स्वेच्छाधारी निर्णय लेकर महाविद्यालय के विभिन्न मदों (स्व-वित्तीय, जनभागीदारी, पीड़ी एवं विश्वविद्यालयीन परीक्षा मद) में नियत विरुद्ध सेल्फ चेक से कैश विड्राल कर लगभग दो से ढ़ाई करोड़ रूपए अनियमित खर्च करते हुए शासकीय राशि का अनाधिकृत आहरण किया। जिससे की महाविद्यालय के 3586 नियमित छात्र एवं छात्राओं को मूलभूत सुविधाओं से वंचित करने के विरुद्ध एवं उक्त अनाधिकृत आहरित राशि की राजस्व वसूली के लिए उन्होंने माननीय हाईकोर्ट में डाक से माध्यम से जनहित याचिका लगने हेतु पत्र भेजा है।

उन्होंने बताया कि जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत शासकीय गजानंद अग्रवाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय भाटापारा से दस्तावेज देने से इंकार किए जाने बाद अपर संचालक, उच्च शिक्षा विभाग नवा रायपुर से प्रथम अपील के तहत: पदत्त दस्तावेजों के अध्ययन से उन्हें जानकारी हुई कि महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य डॉ. निशा शर्मा ने अपने दस माह के कार्यालय में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए स्वेच्छाधारी निणर्य लेकर जहां महाविद्यालय के विभिन्न मदो से भंडार एवं क्रय नियमों, निविदा नियमों का पूरी तरह से अवहेलना करते हुए नियम विरुद्ध सेल्फ चेक से नगद राशि आहरण कर अभिलेखीय औपचारिकता पूर्ण करने फर्जी भावपत्र (कोटेशन), फर्जी पावती, फर्जी बिलों की कूट रचना कर महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के मांग पत्र लिए बिना ही एवं संचानालय के सक्षम अधिकारियों के बजट आवंटन एवं विधिवत अनुमति लिए बिना ही कार्यों एवं क्रय वस्तुओं का महाविद्यालय के सक्षम अधिकारी, समिति के भौतिक सत्यापन किये बिना ही महाविद्यालय के विभिन्न मदो का दुरूपयोग किया है।

शिकायतकर्ता श्री यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि उन्होंने इस मामले की लिखित शिकायत आयुक्त उच्च शिक्षा संचालनालय, सचिव उच्च शिक्षा विभाग को किया है पर अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं किया गया है।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *