दल्लीराजहरा मुस्ताक इमरान:-अनुसूचित जाति,अनुसूचित जन जाति उपयोजना बजट प्लान समिति जिला बालोद छ ग की समिति के प्रतिनिधि मंडल ने अपने निर्धारित कार्य योजना के अनुसार आज दिनांक 19/5/22 को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जिला बालोद से भेंट वार्ता कर जिले में संचालित योजनाओं की जानकारी प्राप्त किया।केंद्रसरकार और राज्य सरकार sc st की संख्या के अनुपात में संसाधनों का वितरण किया जा रहा है या नहींकी जानकारीली गई।sc st के लिए बजट में आबंटित धन राशि न तो लेप्श होती है,न डायवर्ट होगी, और यह धन राधि केवल उन्हीं योजनाओं में खर्च होगी जिससे इन वर्गों के व्यक्ति ,परिवार,और बस्ती का सीधा फायदा हो। इस दौरान सँविधान प्रदत्त जीवन जीने के अधिकार के तहत आजीविका के अधिकार के लिए बनाए गए कानूनों को लागू करने के लिए विभिन्न विभागों मंत्रालयों का गठन किया गया है।सरकारें sc st वर्ग केअधिकारों और दावों को पेश करने का अवसर नहीं देती जबकि इसके लिए सरकार के पास विज्ञापन और प्रचार प्रसार के लिए अलग से बजट का प्रावधान है।जागरूक युवाओं की सक्रियता से sc st वर्ग के सामाजिक आर्थिक मानसिक सांस्कृतिक बौद्धिक शैक्षणिक विकास के प्रावधानिक बजट और उसके निर्धारित योजनाओं में खर्च की नियमितता की जानकारी सर्वजनिक सूचना अप्राप्ति के कारण उपरोक्त समिति ने साहसिक व संवैधानीक कर्तव्यों के निर्वहन का कार्य दायित्व लिया है।यह अधिकार भारत के हर नागरिक कोभारतीय संविधान के अनुच्छेद 51A(h)में निहित है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस वर्ष22 -23 में 104000 करोड़ का बजट पेश किया है।sc st के लिएआबटित बजट को बुक संख्या दिखाया जाना था परन्तु सरकार ने ऐसा नहीं कियाऔर महालेखा नियंत्रक के दिशा निर्देशों का पालन भी नहीं किया यह दावा किया है।अनुसूचित जाति के लिए विशेष घटक योजना(SCP)और अनुसूचित जन जाति उपयोजना(TSP) केउद्देष्य केलिए भी पर्याप्त बजट का आबंटन नहीं किया गया।प्रदेश स्तर पर अनुसूचित जाति जन जाति कल्याण समिति की एक भी बैठक आयोजित नहीं कि गई है।प्रतिपक्ष के नेता ने भीआज तक एक भी वक्तव्य जारी नहीं किया है जबकि वे पब्लिक एकाउंट कमेटी के अध्यक्ष होते हैं। मुख्यमंत्री प्रतिपक्ष मंत्री विधायक सभी मौन है।sc st के मुद्दों में इनकी कोई रुचि नहीं है।जिसके कारण छत्तीसगढ़ में 18-19से2020-21 तक 29,284 करोड़ रुपये लेप्श हो गए हैं।इस सम्बंध में किसी भी विधायक ने एक भी प्रश्न विधानसभा में नहीं किया है।अनुसूचित जाति जन जाति कल्याण समिति के अध्यक्ष पर भीअन्य वर्ग का कब्जा है ।sc st वर्ग के कल्याण के लिए खर्च करने वाली राशि को सरकार पूंजीगत व्यवस्था में खर्च कर रही है ।वनों को sc st वर्ग ने नहीं बिगाड़ा हैं फिर भी इन वर्गों के हिस्से की राशि भी वनों के लिए खर्च की जा रही है।
प्रश्न यह है कि जिन कामों के लिए हम अपने वर्ग के लोगों को चुनकर विधानसभा में भेजें हैं वे चुप्पी बनाए हुए हैं यह सबसे ज्यादा चिंता का विषय है। sc st के मुद्दे उनकी प्राथमिकता में नहीं है।
अब sc st समाज को यह संकल्प लेना होगा कि ऐसे लोग सदन में जाएं जो बहस की स्थिति पैदाकर बहस करने में सक्षम हो ।उपरोक्त जान कारी हेमंन्त कान डे ने प्रदान की।।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जिला बालोद से भेंट वार्ता कर जिले में संचालित योजनाओं की जानकारी प्राप्त
