रायपुर । जयपुर में चल रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर में कृषि और किसान समिति के सदस्य और छत्तीसगढ़ के मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि छत्तीसगढ़ में किसान कैसे मजबूत हो रहे हैं। केंद्र सरकार के दबाव के बावजूद सरकार यहां के किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने का काम कर रही है।
सिंहदेव ने जयपुर में मीडिया से चर्चा में बताया कि छत्तीसगढ़ में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त नौ हजार रुपये प्रति एकड़ दिया जा रहा है। समर्थन मूल्य 1940 में 600 रुपये जोड़ने पर घोषणा पत्र से ज्यादा 2540 रुपये किसानों को मिल रहा है। दूसरी फसल लगाने पर तीन साल के लिए 10 हजार रुपये प्रति एकड़ दे रहे हैं। राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूरी न्याय योजना में भूमिहीन किसानों को छह हजार के बजाय सात हजार रुपये प्रतिवर्ष दे रहे हैं। जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए गोबर की खरीदी हो रही है। दो रुपये प्रतिकिलो की दर से 130 करोड़ रुपये की गोबर खरीदी हो चुकी है। गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाकर खेतों में उपयोग हो रहा है। इससे स्व सहायता समूह की महिलाओं को लाभ हो रहा है।
सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने न्याय योजना की सोच को हकीकत में उतारने की पहल है। इसमें हर व्यक्ति को न्यूनतम वार्षिक आय की गारंटी दी जा रही है। इसे चिंतन शिविर में पेश किया जाएगा। कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने वादा किया था कि किसानों के धान की खरीदी 2500 रुपये प्रति क्विंटल में होगी। केंद्र सरकार की रुकावटों के बाद भी यह काम छत्तीसगढ़ में हो रहा है। केंद्र सरकार ने चावल के उठाव पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। लिखित में सहमति के बाद भी 40 लाख टन चावल केंद्र सरकार ने नहीं उठाया।
सब्सिडी का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा
सिंहदेव ने कहा कि सिंचाई सेस को सरकार ने मुक्त कर दिया है। राष्ट्रीय स्तर पर इन नीतियों को कैसे लागू कर सकते हैं। 56.25 फीसद किसान एक एकड़ और 71 फीसद किसान दो एकड़ में खेती कर रहा है। उसे उर्वरक में कितनी सब्सिडी मिल रही है। सब्सिडी जिस रूप में दी जा रही है, उससे बहुत से किसानों को लाभ नहीं मिल रहा है।

