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ठगी का नया फॉर्मूला : श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ी तो सायबर फ्राड तीर्थ के नाम पर करने लगे ठगी

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रायपुर। कोरोना का संकट कम होने के बाद जैसे ही लोग तीर्थ दर्शन के लिए निकलने लगे ठगे ने इसी फार्मूले से ठगी का जाल बिछा दिया। हालांकि अभी तक बंद एलआईसी शुरू करने, खाता बंद और खुलवाने, इनाम जीतने जैसे फार्मूले से लोगों को ठगा जा रहा था। अब चार धाम की यात्रा, तीर्थ दर्शन में होटलों की बुकिंग और आश्रमों या पुराने संस्थानों में इलाज कराने के नाम लोगों को फंसाने की कोशिश की जा रही है।रोजाना किसी न किसी को कॉल किया जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि उनके झांसे में डॉक्टर, प्रोफेसर और बड़े कारोबारी भी फंस रहे हैं। कॉल तो कई लोगों को किए जा रहे हैं लेकिन एक महीने में अब तक 6 से ज्यादा लोग ठगी का शिकार हो चुके हैं।

इनकी संख्या ज्यादा है लेकिन कई लोगों ने इसलिए शिकायत नहीं की है क्योंकि उनके ज्यादा पैसे नहीं गए हैं। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद बताया कि सायबर ठगी का यह नया तरीका केवल रायपुर में ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में भी आजमाया जा रहा है। सायबर सेल के अफसरों का कहना है जालसाज सायबर फ्राड टेंड को देखते हुए अपना तरीका बदलकर देश के सभी मुख्य शहरों के लोगों को अपने फंसा रहे हैं। झांसा देने के लिए ठग ब्रांडेड और पुराने संस्थानों के नाम से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाते हैं। इन वेबसाइट को कुछ दिनों के बाद ही डिलीट कर दिया जाता है या इंटरनेट से पूरी तरह से हटा दिया जाता है।

असली वेबसाइट की तरह हूबहू बनती फर्जी वेबसाइट
पड़ताल में पता चला है कि इस तरह की ठगी करने वाले लोग योग ग्राम, पतंजलि, चार धाम, केदारनाथ, बद्रीनाथ, काशी, मथुरा के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाते हैं। ज्यादातर वेबसाइट का पता उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड का दिया जाता है, ताकि लोगों को पता चल सके कि उन्हें जहां जाना है संस्थान वहीं स्थित है। ठग बुकिंग के लिए एडवांस में बड़ी रकम या फुल पेमेंट लेने तक लगातार फोन पर उलझाते हैं। इसमें उन लोगों पर खास नजर रखी जाती है जो इस तरह की वेबसाइट इंटरनेट पर सर्च करते हैं। उन्हीं लोगों को फोन कर वे उन्हीं के अनुसार सुविधा देने का झांसा देते हैं।

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