देश दुनिया वॉच

कश्मीरी हिंदुओं के गुनहगार यासीन मलिक ने कबूल किया अपना हर अपराध, अब सुनाई जाएगी सजा

Share this

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में 1990 के दशक में आतंक का दूसरा नाम रहे जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट JKLF के चीफ यासीन मलिक ने दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA के कोर्ट में आतंकवाद से संबंधित खुद पर लगे आरोप कुबूल कर लिए हैं। यासीन मलिक के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में भी तमाम मामले दर्ज हैं। अब यासीन मलिक की सजा पर 19 मई को सरकारी और उसके वकील में जिरह होगी और फिर विशेष एनआईए जज प्रवीण सिंह उसे सजा सुनाएंगे। इस मामले में यासीन को उम्रकैद भी हो सकती है। वो जम्मू-कश्मीर के बड़े आतंकियों का आका होगा, जिसे आतंकवाद के मामले में सजा सुनाई जाएगी। यासीन ने एयरफोर्स के 4 अफसरों की हत्या की थी और केंद्रीय गृहमंत्री रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया को अगवा कर 5 आतंकियों को जेल से रिहा भी कराया था।

yasin malik

मलिक के अपराध कबूलने के बारे में सूत्रों ने बताया कि उसने कोर्ट में कहा कि खुद पर लगे आरोपों को वो चुनौती नहीं देगा। मलिक पर आईपीसी की धारा 16, धारा 17, धारा 18 और धारा 20 लगी है। यानी आतंकवाद कानून, फंडिंग, साजिश रचने और आतंकी गिरोह का सदस्य होने का केस है। इसके अलावा उस पर यूएपीए, आपराधिक साजिश और राजद्रोह का आरोप भी एनआईए ने लगाया है। यासीन के अलावा कुछ और आतंकियों पर कोर्ट ने आरोप भी तय कर दिए हैं।

yasin malik 2

विशेष जज ने जिन और आतंकियों पर आरोप तय किए हैं, उनमें फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद बट, जहूर अहमद शाह वटाली, शबीर अहमद शाह, अब्दुल रशीद शेख और नवल किशोर कपूर हैं। इनके अलावा लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद और हिज्बुल मुजाहिदीन के सैयद सलाउद्दीन के खिलाफ भी आरोपपत्र एनआईए ने कोर्ट में दाखिल किया है। हाफिज सईद और सैयद सलाउद्दीन पाकिस्तान में हैं।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *