राजधानी में सरकारी काम करने वाले ठेकेदारों और विभागों के अफसरों के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। ठेकेदार संघ ने साफ कर दिया है कि वे जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर 15 दिन का अल्टीमेटम देंगे। इस दौरान टेंडर के एसओआर रेट और बाजार रेट के बीच के अंतर की रकम ठेकेदारों को क्षतिपूर्ति के तौर पर नहीं दी गई तो वे रायपुर समेत सभी सरकारी विभागों के शासकीय निर्माण काम बंद कर देंगे।
छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर एसोसिएशन की राज्यस्तरीय बैठक सोमवार को सिरपुर भवन में हुई। फैसला लिया है कि मंगलवार से हर दिन दो विभागों को काम बंद करने की चेतावनी दी जाएगी। शुरुआत पीडब्लूडी और डीआरडी विभाग से होगी। टेंडर रेट हर हाल में रिवाइज होना चाहिए। संघ के अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने बताया कि हर पुराने काम में अनिवार्य रूप से क्षतिपूर्ति रकम और निर्माण पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए।
बुधवार को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के चीफ इंजीनियर को ज्ञापन सौंपकर काम बंद करने की सूचना दी जाएगी। बैठक में इस बात का जोरदार विरोध किया गया कि सरकारी विभाग खासतौर पर लोक निर्माण विभाग के अफसर ठेकेदारों पर काम करने का जबर्दस्त दबाव बना रहे हैं। इस तरह का दबाव तेज किया गया तो अफसरों के खिलाफ सड़क पर आंदोलन किया जाएगा।
बिलो रेट में काम लेने वाले ज्यादा फंसे
उन शासकीय ठेकेदारों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है जिन्होंने काम टेंडर रेट से कम यानी बिलो रेट में लिया है। उस समय प्रतिस्पर्धा के चक्कर में काम तो ले लिया, लेकिन अब पूरा करने में बड़ा नुकसान हो रहा है। जिन ठेकेदारों ने 15 से 25% तक बिलो दर पर टेंडर लिए थे, उन सभी ने काम बंद कर दिया है।
सभी विभागों में ऐसे ठेकेदार ज्यादा हैं जिन्होंने 5 से 15 करोड़ तक के काम बिलो रेट में लिए हैं। अब इन ठेकेदारों का कहना है कि वे इतना बड़े घाटे में काम पूरा नहीं कर सकते। विभाग के अफसरों को रेट रिवाइज कर टेंडर की रकम नए सिरे से तय करनी होगी। पुराने रेट पर ही काम किया तो उन्हें की तरह की आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इससे उन्हें परिवार चलाने में भी दिक्कत होगी।
सीएम से मिलने का समय मांगा
कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने इस मामले में मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है। सीएम फिलहाल दिल्ली में है, इसलिए अभी समय नहीं मिला है। उनसे मुलाकात के बाद ही सभी विभागों को दो हफ्ते का समय दिया जाएगा। इस दौरान एसोसिएशन की मांगें पूरी नहीं की गई तो फिर एक साथ शासकीय कंस्ट्रक्शन के सभी काम बंद कर दिए जाएंगे।
एसोसिएशन की मुख्य मांगें
पीडब्ल्यूडी में ऑनलाइन ईएमडी एवं एपीएस की रकम पूर्व की तरह एफडीआर के रूप में जमा कराई जाए।
2017 जुलाई से लागू जीएसटी का भुगतान अभी तक शासकीय ठेकेदारों को नहीं हुआ है। इससे परेशानी बढ़ी।
निर्माण विभागों में लागू लघु मूल खनिज गौड़ रायल्टी अलग-अलग जिलों में चार से 5 गुना है। इसे ठीक करें।
जल संसाधन विभाग में 10 साल की परफारमेंस गारंटी को 5 साल करें। 2010 का एसओआर बदलें।
निर्माण विभागों में ऑनलाइन ईएमडी एवं एपीएस की राशि एक साल तक वापस नहीं की जा रही है। वापस किया जाए।