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वन विभाग द्वारा मजदूरों को मजदूरी नहीं दिए जाने का मामला आया सामने, मामला वन परिक्षेत्र मैनपुर का

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मैनपुर। इस भीषण गर्मी में प्रदेश के मुखिया गांव-गांव का दौरा यह जानने के लिए कर रहे हैं कि उनके तीन साल के कार्यकाल में सरकार द्वारा जो जन हितैषी योजनाएं संचालित की जा रही है उसकी जमीनी हकीकत क्या है, गांव के ग्रामीण किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं या नहीं, अफसर अपने कर्तव्यों का पालन सही ढंग से कर रहे हैं या नहीं, ऐसे समय में गरियाबंद ज़िला के मैनपुर ब्लाक में वन विभाग द्वारा मजदूरों को उनके मजदूरी का भुगतान काम खत्म हो जाने के लंबे समय बाद भी नहीं किए जाने का मामला सामने आया है जो वन विभाग के लिए मुसीबत खड़ी करने वाला ना बन जाए !

Chhattisgarh Crimes

बहरहाल इस मामले से जब हमने वन विभाग के एसडीओ फॉरेस्ट मैनपुर राजेंद्र सोरी से बात की तो उनका कहना है कि मुझे भी कल ही किसी से जानकारी मिला है कि मजदूरों का भुगतान नहीं हुआ है मैं इस मामले को देखता हूं। यह मामला वन परिक्षेत्र मैनपुर सामान्य के अंतर्गत पिछले वर्ष मैदानी अमले वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा छिन्द बूटा निकालने मे लगे मजदूरो का मजदूरी राशि नहीं दिया गया है , इसी तरह विगत तीन चार महीना से बिजली के लिए बड़े लाइन जो इंदागांव गई है। उसमे सड़क निर्माण कार्य मे लगे 15 से 20 मजदूरों द्वारा लगातार 10 दिन से साफ रास्ते लाईन बनाने का काम किया गया है। जिसका मजदूरी राशि अभी तक वन विभाग के द्वारा नहीं दिया जा रहा है।

पिछले साल गर्मी के सीजन में बिजली लाइन में लकडी़ पासिंग किया गया मजदूरों का भी मजदूरी राशि का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है।

वन विभाग के जिम्मेदारों से बातचीत करने पर कहते हैं मजदूरी भुगतान बहुत जल्द हो जाएगा लेकिन अभी तक मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाना अनेकों संदेह पैदा करता है।

इस संबंध में बीटगार्ड देव दत्त तिवारी से बातचीत किया गया तो फर्जी मस्टररोल की बात को साफ तौर से इंकार किया है।
वन विभाग के द्वारा कराए गए कार्यों पर मजदूरी करने वाले मजदूरों का भुगतान तत्काल कराने की मांग ज़िला प्रशासन व डीएफओ से किया है।


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