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शंकराचार्य महाविद्यालय में जैविक उपचार विषय पर अतिथि व्याख्यान

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शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी भिलाई के सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग द्वारा जैविक उपचार विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया l इस व्याख्यान के माध्यम से यह बताया गया कि पर्यावरण मे मौजूद हानिकारक तथा विषाक्त रासायनिक पदार्थों का विघटन सूक्ष्मजीवों द्वारा किया जा सकता है।

इस कार्यक्रम में अतिथि वक्ता के रुप मे शासकीय वी वाय टी पी जी ऑटोनामस कॉलेज, दुर्ग के सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग की सहायक प्राध्यापक नीतू दास थीl उन्होंने विद्यार्थियों को सूक्ष्मजीव के महत्व को समझाते हुए बताया कि जैविक उपचार एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें सूक्ष्मजीवों जैसे जीवाणुओं या उनके एंजाइमों का उपयोग करके किसी प्रदूषित हो चुके पर्यावरण को पुन: उसकी मूल स्थिति में लाने का प्रयास किया जाता है। जैविक उपचार का उपयोग, करके हम विशिष्ट प्रदूषकों जैसे कि क्लोरीन युक्त कीटनाशक या फिर सामान्य रूप से तेल फैलाव की स्थिति में जहां कच्चे तेल के अपघटन के लिए कई तकनीकों का प्रयोग किया जाता है l जिसमें जीवाणुओं द्वारा कच्चे तेल के अपघटन की प्रक्रिया को तेज करना शामिल है।

इस अवसर पर प्राचार्य तथा अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए जैविक उपचार अपनी एक अहम भूमिका निभाता है, जिसमें सूक्ष्मजीवों का महत्तवपूर्ण योगदान होता हैl डॉ. अर्चना झा (उप प्राचार्य तथा विभागाध्यक्ष हिन्दी) ने कहा कि जैविक उपचार द्वारा हम पर्यावरण मे उपस्थित हानिकारक पदार्थों का विघटन करके प्रदूषण मे कमी ला सकते है। इस अतिथि व्याख्यान मे डॉ. रचना चौधरी (विभागाध्यक्ष सूक्ष्मजीव विज्ञान), डॉ. भुनेश्वरी नायक, रचना तिवारी तथा अन्य प्राध्यापकगण उपस्थित रहे।

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