महेंद्र सिंह ठाकुर
नवापारा राजिम/ रायपुर… मां एक ऐसा शब्द जिसमें सारा प्यार दुलार मनुुहार और मातृशक्ति समाई हुई है प्राचीन काल से लेकर वर्तमान समय तक मां शब्द पूरी तरफ से अपनी आभा महत्ता बनाए हुए है भारतीय संस्कृति में पौराणिक काल से अपनी जननी के अलावा बहुत शक्तियों को मां का दर्जा दिया गया देवी शक्ति दुर्गा ,मां काली, धरणी मां पवित्र नदी को गंगा मैया कहा गया अनेक उदाहरण। हमने मां या मदर शब्द को समय काल में नहीं बांधा, आधुनिक काल में पूरे विश्व में प्रतिवर्ष 8 मई को मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है। और इसमें मां की महत्ता को विशेष सम्मान दिया गया हैl इस संबंध में छत्तीसगढ़ वॉच ब्यूरो प्रमुख महेंद्र सिंह ठाकुर ने मां के कर्तव्य शीलता समर्पण पर खास फोकस करते हुए कुछ परिवार से रोचक और प्रेरणादाई बात की।
मम्मी हमारी प्रकाश स्तंभ आलोकित हुए हम सब…. बिजनेस मैनेजमेंट की डिग्री वह भी भारत ही नहीं विश्व के बिजनेस हब के रूप में प्रसिद्ध पुणे यूनिवर्सिटी से इसके साथ 1 साल का इंटरनल शिप योगा में मास्टर रायपुर की सबसे पाश कॉलोनी मे से एक सफायर ग्रीन निवासी मल्टीनेशनल कंपनी के स्टेट हेड सामाजिकता धर्म परायण सोशल एक्टिविटीज में हमेशा आगे जी हां बात हो रही है अखिलेश सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती अखिलेश नम्रता सिंह की यह बात इनके दो बच्चे बड़ी बेबी आस्था सिंह डीपीएस रायपुर की दसवीं की छात्रा उनके सपनों को इनकी मम्मी नम्रता सिंह ने पंख लगाया अपनी सोच जिसमें शानदार जॉब या बिजनेस को अलविदा कह कर बच्चों के प्रति समर्पित हो गई बेटी मेडिकल क्षेत्र में कैरियर बनाएगी धन कमाने की बजाए धन्य कमाना है यह नम्रता सिंह का बेटी को सीख, वही छोटा बेटा आदित्य राजे क्लास 3 डीपीएस रायपुर के होनहार छात्र
जिसे वहां के प्राचार्य रघुनाथ मुखर्जी और स्टाफ ने लिटिल योगा चैंपियन का खिताब दिया इसके पीछे भी मां नम्रता सिंह का हाथ उन्होंने आदित्य राजे को बचपन से पर्यावरण सुरक्षा एवं समाज सेवा की तरफ मोड़ दिया है मास्टर आदित्य राजे के काम से प्रसन्न होकर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने भी इनकी भूरी भूरी प्रशंसा की है और इन को आगे बढ़ाने में मातृशक्ति की परिचायक माता नम्रता सिंह के बारे में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा था यह मातृ शक्ति की प्रकाश स्तंभ है ऐसी माता का स्वरूप अलौकिक होता है।
त्याग तपस्या समर्पण का दूसरा नाम मां है…. एमएससी टॉपर चाहतीं तो कॉलेज में आराम से प्रोफ़ेसर बन जातीं लेकिन जब देखा बच्चों के साथ न्याय नहीं हो पाएगा तो अपने सपने को तिलांजलि देकर अपने तीन बच्चों को बहुत बड़ी ऊंचाई पर पहुंचाने का संकल्प लिया जी हां बात कर रहे हैं शहडोल की ज्योत्सना सिंह पतिदेव मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा के प्रखर स्तंभ और ज्योत्सना सिह बच्चों की प्रकाश स्तंभ बड़ी बेबी सूर्यांशीका सिंह का सपना कार्डियोलॉजिस्ट बन समाज सेवा मझली बेटी यशस्वनी सिंह कक्षा चौथी से शानदार कविता लिखना शुरू की इसके अलावा पेंटिंग में माहिर उद्देश्य सिविल सेवा में जाकर लोगों की सेवा करना है अभी कक्षा सातवीं में है छोटा बेटा कीर्ति विक्रम सिंह कमांडो बनना चाहता है कक्षा छठवीं सभी सेंट्रल स्कूल शहडोल के छात्र इनकी माता ज्योत्सना सिंह इनके पंखों को नई उड़ान दे रही इनकी मझली बेटी यशस्विनी ने कविता की दो पंक्ति के माध्यम से कहा.. जो मांगू दे दिया कर ए जिंदगी …तू बस मेरी मां जैसी बन जा।।।
ना तू हार… संघर्ष से करले प्यार… आगे मिलेगे सफलता के कई द्वार…. जी हां इस मोटिवेशनल पंक्ति की पर्याय हैं देवभोग जिला गरियाबंद छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पब्लिक स्कूल एम मनु की डायरेक्टर श्रीमती मांडवी मिश्रा और उनकी इंटेलीजेंट कक्षा पांचवी में पढ़ने वाली बेटी शिवज्ञा मिश्रा जिसमें मांडवी मैडम एमएससी केमिस्ट्री डी फार्मेसी B.Ed की डिग्री के साथ वॉलीबॉल खेल में महारत हासिल थी फैशन डिजाइनिंग मे स्वयं महारत हासिल की 4 साल डीएवी स्कूल देवभोग में पढ़ाया हमेशा कुछ नया करने और बच्चे के कैरियर के बारे में सोच , बड़ा संघर्ष किया और अपने स्कूल को चालू किया जो कम समय में इनकी एबिलिटी के बल पर शिक्षा के क्षेत्र में उभरता नाम बन गया बेटी शिवज्ञा को उसके सपने को पूरा करने में जोर लगा दिया बेटी का सपना है फेमस लॉयर या जज बनना मांडवी मैडम ने कहा अपने साथ दूसरे के बच्चों का विकास हो यही उनका सपना है जिनके बारे में उनकी बेबी ने कहा ..मांग लूं यह मन्नत.. फिर यही जहां मिले ..फिर वही गोद मिले.. फिर वही मां मिले।।
पूरे विश्व में मातृशक्ति ने जहां संकल्प लिया वही परिवार ही नहीं समाज और देश की दिशा और दशा दोनों बदल गई।
फोटो नंबर वन ..नम्रता सिंह एवं बेबी आस्था सिंह मास्टर आदित्य राजे। रायपुर
फोटो नंबर दो.. ज्योत्सना सिंह एवं उनके तीनों बच्चे। शहडोल
फोटो नंबर तीन… मांडवी मिश्रा मैडम एवं बेबी शिवज्ञा मिश्रा देवभोग
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