रायपुर। देश में कोयला और बिजली संकट का हवाला देकर रेलवे लगातार प्रदेश की ट्रेनों को रद्द कर चुका है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब सामान्य परिस्थिति में एक महीने के भीतर एक साथ 49 ट्रेनाें को रद्द किया गया हो। रेलवे के इस फैसले पर जनता का गुस्सा भी जमकर फूट रहा है। कुछ यात्री ऐसे हैं, जिन्हें एक बार फिर ट्रेनें रद्द होने की वजह से दूसरी बार रिफंड लेने स्टेशन पहुंचना पड़ा है। ऐसे यात्रियों का गुस्सा अब रेलवे के अफसरों पर फूट रहा है। यात्री उन्हें खरी-खोटी तो सुना ही रहे हैं।
अगली बार ट्रेन रद्द तो नहीं होगा, यह पूछने से भी नहीं चूक रहे हैं। कुल मिलाकर रेलवे पर से लोगों का विश्वास अब डगमगाता नजर आ रहा है। इस बीच आरक्षण भवन से मिली जानकारी अनुसार रेलवे ने बीते एक महीने में 80 लाख रुपए से अधिक का रिफंड रायपुर मंडल के यात्रियों को दिया है। बुधवार को ट्रेनें रद्द होने के बाद एक बार फिर रिफंड का सिलसिला शुरू हो चुका है।
समता और छत्तीसगढ़ पहली पसंद
ट्रेन रद्द से परेशान यात्री अब टिकट खरीदते वक्त रेलवे कर्मी से पूछने लगे हैं कि जिस ट्रेन की टिकट बन रही यह कहीं रद्द तो नहीं होगी? ऐसी ट्रेन में नहीं बैठना जिसकी रद्द होने की आशंका हो। यात्री बिना रद्द वाली ट्रेन की टिकट देने की मांग करने लगे है।
रेलवे ने जब से समता और छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को पटरी पर लाया है हर यात्री दिल्ली और भोपाल जाने यही ट्रेन पकड़ना चाहता है। यात्रियों को अब लगने लगा है कि बाकी ट्रेनें रद्द हो सकती है, लेकिन यह दो ट्रेनें नहीं होगी। इसलिए दोनों में 120 से 150 तक वेटिंग है। ट्रेन में जगह नहीं मिलने की वजह से खड़े-खड़े लगी यात्री करनी पड़ रही।