Raipur : गर्मियों के मौसम मैं आखिर किसको ठंडी ठंडी आइसक्रीम खाने का मन नहीं होता। खासकर शरीर को ठंडा रखने के लिए लोग इसका सेवकन करते हैं।
आइसक्रीम, क्रीम या बटरफैट, दूध, चीनी और स्वाद से बना जमे हुए डेयरी भोजन। फ्रोजन कस्टर्ड और फ्रेंच प्रकार की आइसक्रीम में भी अंडे होते हैं। सैकड़ों फ्लेवर तैयार किए जाते हैं, सबसे लोकप्रिय वेनिला, चॉकलेट और स्ट्रॉबेरी हैं।
खराब होने वाले मौसम के हिसाब से यह स्वादिष्ट होते हैं। सेंटीग्रेट फ़्लेवर प्रशिक्षण कार्यक्रम, सबसे प्रसिद्ध, ब्लॉग और ब्लॉग।
लेकिन जिस तरह से हर प्रोडक्ट की शैल लाइफ मेंटेन करने के लिए प्रिज़र्वेटिव्स डालने जाते उस प्रकार ऐसी कुछ चीज़े हैं जो आपके स्वस्थ के लिए हानिकारिक साबित हो सकती हैं।
आमतौर पर खाने पिने वाली चीज़ो में सावधाईयाँ बरतनी पड़ती हैं। जिस तरह भारत में मेग्गी Maggi को स्नेक्स का रिप्लेसमेंट मान कर हर घर में प्रयोग होने लगा। लेकिन अधिकतर लोगों के इसमें मिलाये गए लिड PB Lead के कारण हानिकारक समस्या हो सकती थी।
मगर खूबसूरती इस बात में हैं कि Image Repair Theory के चलते डिस्ट्रीब्यूशन बंद होने के कुछ समय बाद फिर से रिलीज़ होने पर लोगों ने अब 2 रुपए ज्यादा देकर ख़रीदन एक लिए तैयार हो गए।
हर घर में छोटों से लेकर बड़े भी गर्मियों के मौसम में और शादी पार्टियों में आइसक्रीम की और आकर्षित होते हैं। लोग अब इसका उपयोग व्रत के दौरान भी करने लगे हैं। क्योंकि जिस तरह से कई लोग अंडे को वेज और नॉन वेज की गुत्थी सुलझाने में लोगे हुए हैं ,उसी प्रकार आइसक्रीम को लेकर भी अब नए सवाल खड़े हो रहे हैं।
हाल ही में मध्यप्रदेश के जबलपुर में आइक्रीम मै जेलिटिन मिलाये जाने की खबरे / बातें सामने आ रही हैं। अब बता दें की जिलेटिन पशु कोलेजन से बना है – एक प्रोटीन जो त्वचा, टेंडन, स्नायुबंधन और हड्डियों जैसे संयोजी ऊतकों को बनाता है। कुछ जानवरों की खाल और हड्डियों – अक्सर गायों और सूअरों – को उबाला जाता है, सुखाया जाता है,
एक मजबूत एसिड या बेस के साथ इलाज किया जाता है, और अंत में तब तक फ़िल्टर किया जाता है जब तक कि कोलेजन निकाला नहीं जाता है।
जिलेटिन एक पायसीकारक के रूप में कार्य करता है और आम तौर पर, इसका उपयोग आइसक्रीम को नरम बनावट और ताजा स्वरूप प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह बड़े क्रिस्टल को बनने से रोकता है और पानी की मात्रा को कम करके आइसक्रीम की स्थिरता भी बनी रहती है।
आइसक्रीम एक कोलाइड है और कोलाइड को स्थिर करने के लिए जिलेटिन मिलाया जाता है। अब जबलपुर के विशेषज्ञों ने इस बातफ का खुलासा किया हैं कि आइक्रीम में जेलेटिन की मिलवट कर इसे बेच जा रहा हैं।
जैसा की हम सभी जानते हैं की इन दिनों तामपान आसमान छू रहा हैं जिसके चलते आइसक्रीम बेचने वाले और बनाने वालों को इमल्सीफाई करने में दिक्कत होती है जिसके चलते वह जेलेटिन का उपयोग करते हैं।