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The issue of acquisition of farmers’ land: यूनिवर्सिटी की संपत्ति कुर्की पर रोक, कोर्ट ने दिया दो माह का समय, जाने क्या है पूरा मामला

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रायपुर । पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर की संपत्ति कुर्क करने पर जिला कोर्ट ने रोक लगा दी है। मुआवजे को लेकर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अगली तारीख 23 जून तय की है। किसानों की जमीन के अधिग्रहण मामले में कोर्ट ने मंगलवार को विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव की गाड़ियां कुर्क की थीं। गुरुवार को हुई सनवाई में विश्वविद्यालय की तरफ से अधिवक्ता राजेश पांडेय ने कुर्की की कार्रवाई रोकने और सुनवाई की तारीख बढ़ाने के लिए आवेदन लगाया। समय मिलने के बाद विश्वविद्यालय ने राहत की सांस ली है। कुर्क की गईं गाड़ियां कोर्ट के कब्जे में हैं। चूंकि मामले को लेकर राज्य शासन सुप्रीम कोर्ट गया है, ऐसे में विश्वविद्यालय प्रबंधन को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है।

 

कोर्ट की नोटिस का सही जवाब नहीं
विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में किसानों को मुआवजा देने के लिए कोर्ट के आदेश के बाद विवि प्रबंधन ने 180 दिन के भीतर मामला निपटाने के लिए कोर्ट से समय मांगा था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। फिर बार-बार कोर्ट मिली नोटिस का सही जवाब विवि प्रबंधन द्वारा नहीं दे पाने की वजह से कुर्की की कार्रवाई की स्थिति बनी। रविवि कर्मचारी संघ का कहना है कि कुर्की में कुलपति की गाड़ी ले जाने से विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है।

यह है मामला
विवि प्रबंधन ने बताया कि मामला वर्ष 2005-6 का है। उस वक्त राज्य शासन ने विश्वविद्यालय की करीब 15 एकड़ जमीन केंद्रीय विद्यालय को दिलवाई। इसके बाद विश्वविद्यालय को जमीन दिलाने के लिए बंजारी मंदिर क्षेत्र के आस-पास 150 किसानों की 30 एकड़ जमीन अधिगृहीत की गई और मुआवजा दिया गया। मुआवजे से असंतुष्ट 31 किसान कोर्ट चले गए। वर्ष-2017 में कोर्ट का फैसला किसानों के पक्ष में आया। करीब 6.5 करोड़ मुआवजा देने के लिए विवि प्रबंधन ने शासन से राशि की मांग की। शासन ने मुआवजा देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद विवि प्रबंधन हाई कोर्ट पहुंचा। यहां भी फैसला किसानों के पक्ष में ही गया। अब ब्याज समेत किसानों के मुआवजे की राशि 12.5 करोड़ रुपये जा पहुंची है।

जिला कोर्ट रायपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता हितेंद्र तिवारी ने कहा, कुर्की कार्रवाई से पहले डिक्रीधारी द्वारा विश्वविद्यालय की संपत्ति की जानकारी दी गई होगी। न्यायालय द्वारा डिक्री पारित उस आधार पर ही किया जाता है। जैसी जानकारी दे रहे हैं कि गाड़ियां पद पर बैठे व्यक्ति की निजी संपत्ति न होकर विश्वविद्यालय की है। मामले में आदेश का सही अनुपालन किया गया।

पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डा. सुपर्ण सेन गुप्ता ने कहा, जमीन अधिग्रहण मामले में कोर्ट ने सात किसानों की सुनवाई की तारीख 23 मई तय की है। फिलहाल कुर्की की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। शासन स्तर पर मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

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